संक्रमण के दौर में सरकार अर्थव्‍यवस्‍था वि‍नि‍वेश के फैसले पर दुबारा सोचे- अनिल शर्मा

न्यूज़ वाणी ब्यूरो/विष्णु सिकरवार ब्यूरो
आगरा- आगरा देश कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से जूझ रहा है।तो बही प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में नागरि‍कों के कल्‍याण के तमाम कार्यक्रम चल रहे हैं। जि‍नसे अंतत: नागरि‍क शारीरि‍क द्ष्‍टि‍ से तो सुरक्षि‍त हो ही जायेंगे लेकि‍न अगर समय रहते सरकार अपनी वि‍नेवेश नीतियों को लेकर सचेत नहीं हुई तो देश भारी आर्थिक संकट के दौर में फंस जायेगा। विनि‍वेश के लि‍ये सरकार को प्रेरि‍त करने वालों के असर से वि‍देशी नि‍वेशकों की बढी दि‍लचस्‍पी को जि‍न हालातों की दलहीज पर पहुंच चुके हैं उनसे लगता है कि‍ कहीं जल्‍दी ही आर्थि‍क उपनि‍वेश बनने जैसी स्‍थति‍यां बनने से रोकने को लामबंदी होने की जरूरत न पढ़ जाएं। अनिल शर्मा ने कहा है कि‍ अगर समय रहते उपयुक्‍त कदम नहीं उठाये गये और मोजूदा गि‍रे हुए शेयर बाजार के दामों पर सरकारी और अर्धसरकारी प्रति‍ष्‍ठानों को निमेश के नाम पर बेचे जाने की नीत नहीं बदली गयी तो जहां भारत को भारी घाटा होगा वहीं वि‍देशी नि‍वेशक और उनकी भारतीय मुखौटा कंपनि‍यां भारी मुनाफे की स्‍थति‍ में होंगी। अनिल शर्मा ने यह भी कहा कि‍ कंपनी‍यों को बेचे जाने का क्रम अगर एक बार शुरू हो गया तो उसे थामना बेहद मुश्‍कि‍ल हो जायेगा। जहां तक रोजगार की संभावना बढने का सवाल है , उसका अंकलन इसी से लगाया जा सकता है कि  जब हम अपने प्रबंधन में रोजगार के अवसर कम होते जाने से नहीं रोक सके तो वि‍देशी तथा नि‍जी को कैसे अधि‍क रोजगर सर्जतकरने को वि‍वश करते हैं। अनिल  शर्मा ने यह भी कहा है कि‍ इस समय रुपये के मुल्‍य में भारी गि‍रावट का दौर है, देश की आर्थि‍क तंगी के चलते वेशक अपने हाथ पीछे खींचने के साथ ही स्‍टाक को जल्‍दी से जल्‍छी बेचने को आमादा हैं। जहि‍र है देश भर के स्‍टाक एक्‍सेचेंजों में अंशधारक अपने नि‍वेश नि‍स्‍तारि‍त करने को तैयार बैठे हैं और इन बने हुए हालातों को रोकने के स्‍थान पर सरकारी प्रति‍ष्‍ठानों की वि‍नेवेश बाजार में लगी लाइन पहले से ही नि‍वेशकों के इतजार में । चि‍ताजनक हालातों को दृष्‍टि‍गत सि‍वि‍ल सोसायटी ऑफ़ आगरा  के जर्नल सैकेट्री ने केन्‍द्र सरकार से माग की है कि‍ जब तक अर्थव्‍यवस्‍था का संक्रमण काल समाप्‍त नहीं हो तथा देश लॉकडउन के मौजूदा दौर से नहीं उबरे तब तक के लि‍ये वि‍नि‍वेश के काम को रोक देना चाहि‍ये। अगर समय रहते कदम नहीं उठाया गया तो पांच ट्रि‍लि‍यन तो दूर सब कुछ बेचबाच कर भी थ्रीट्रि‍लि‍यन से आगे बढना नामुमकि‍न सा होगा आनिल शर्मा ने वित् मंत्री; वित् सचिव, मंत्री- कंपनी  कॉर्पोरेट अफेयर्स , सचिव कंपनी  कॉर्पोरेट अफेयर्स और जे पी नड्डा- अद्याक्ष भारतीय जनता पार्टी को ईमेल पर तथ्य और देशहित को रखते हुए पूरी स्तिथि को संज्ञान में लेकर फैसला लेने का अनुरोध किया है.

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