नौनिहालों के देवदूत बने डॉक्टर जोशी गरीब शोषित वंचित ग्रामीणों के बच्चों का कर रहे निशुल्क उपचार मानवता की मिसाल कोरोना की लड़ाई निभा रहे दोहरी जिम्मेदारी सराहनीय पहल की ग्रामीण कर रहे सराहना
न्यूज़ वाणी ब्यूरो
चौडगरा/फतेहपुर- जनपद के मलवा विकासखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीएचसी गोपालगंज में कोविड-19 वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इन दिनों शासन प्रशासन के नियमों व जिला प्रशासन के साथ समूचे स्वास्थ्य विभाग के निर्देशन में पीएचसी गोपालगंज में वायरस को लेकर स्वास्थ विभाग के डॉक्टर व कर्मचारी के पूरी लगन मेहनत कर रहे हैं जहां ओपीडी जैसी व्यवस्थाएं बंद कर दी गई है जिसको लेकर ग्रामीणों में निराशा का माहौल व्याप्त था जिसे पीएचसी गोपालगंज के डॉक्टर अमलेश जोशी व डॉ जयंत निराशा के माहौल को आशा की उम्मीदों में पिरोया है। ऐसा ही मामला शनिवार को तब प्रकाश में आया जब कोरोना वायरस की लड़ाई की सच्चाई की पड़ताल पीएचसी गोपालगंज में की गई तो उपस्थित रोगियों के साथ परिजनों ने डॉक्टर के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए बताया कि जहां ओपीडी लगभग बंद है वही एकमात्र आशा की किरण पीएचसी गोपालगंज ही दिखाई पड़ती है जहां जाने पर निराशा आशा में बदल जाती है डॉक्टर अमलेश जोशी द्वारा गंभीर बीमार नौनिहाल बच्चों की हालत को देखते हुए तत्काल उपचार के साथ जरूरी दवाइयां लिखकर निशुल्क उपचार किया जाता है। जो मानवता के साथ इंसानियत की मिसाल आम जनमानस धारणा जो डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप मानते हैं। उसे बलवती करते हैं। प्रतिदिन पीएचसी क्षेत्र के लगभग 50 गंभीर बीमार बच्चों का उपचार किया जाता है। डॉ अमलेश जोशी से जब इस बाबत जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि शासन की मंशा के अनुसार ओपीडी बंद है फिर भी गंभीर हालत में जो भी बच्चे पीएचसी गोपालगंज आते हैं उनका उपचार करने का हर संभव प्रयास किया जाता है। लॉक डाउन के चलते फतेहपुर व कानपुर आम ग्रामीण आसानी से नहीं पहुंच पाते जिससे बीमार बच्चों की जान का खतरा बना रहता है जिसके लिए उपचार अति आवश्यक मानवता को ध्यान में रखकर उपचार करना पड़ता है