पटना- पटना समेत राज्य के 19 जिलाें में रविवार की सुबह जमकर बारिश हुई। दो घंटे के अंदर 36.6 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इससे पहले शनिवार की रात से सुबह तक 0.4 एमएम बरिश दर्ज की गईl 37 साल के दौरान अप्रैल महीने में सबसे अधिक बारिश रिकार्ड की गई। इस दौरान ठनका गिरने से प्रदेश में 12 लाेगाें की माैत हाे गई। इनमें छपरा में 9, भोजपुर, जमुई अाैर लखीसराय में एक-एक शामिल है।
शनिवार को देर शाम तक पटना में मौसम सामन्य रहा था। रात में पश्चिमी विक्षोभ का परिक्षेत्र बिहार के ऊपरी हिस्सों में बनने लगा, जिसके बाद रविवार की सुबह 45 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चलने लगी। आठ बजे बारिश शुरू हुई, जो दस बजे तक लगातार बरसती रही। 12 घंटे के दाैरान 37 एमएम बारिश की वजह से अधिकतम तापमान में 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जो सामान्य से 9 डिग्री सेल्सियस कम 28.2 डिग्री रहा। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हर दिन मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। साइक्लोन सर्किल का एक क्षेत्र पश्चिमी बिहार के साथ ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ऊपरी हिस्से में बना हुआ है। इसकी वजह से बारिश हुई।
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार रात में पश्चिमी विक्षोभ का परिक्षेत्र बिहार के ऊपरी हिस्सों में बनने लगा। आंधी-तूफान के साथ होने वाली बारिश को काल बैसाखी कहा जाता है। 28 और 29 अप्रैल को बिहार के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश होगी। पटना में रविवार को न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया।
अप्रैल में बारिश सब्जी के लिए फायदामंद है। लेकिन, मक्के की खेती के साथ ही, गेहूं, जौ, ओट, राई, मैथी, जीरा, जैसी रबी फसल के लिए भी नुकासानदेह साबित हुआ है। जिला कृषि अधिकारी राकेश रंजन बोले- जिन किसानों ने फसल नहीं काटी या फिर काटकर सुखाने के लिए खेत-खलिहान में रखा है, उसे काफी नुकसान हुआ है।