मदरसा आधुनिकी करण शिक्षको ने मांगा मानदेय।

न्यूज़ वाणी ब्यूरो
कटरा/शाहजहांपुर- ज्ञात हो कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक हसीन खां ने डा० रमेश पोखरियाल निशंक जी मानव संसाधन विकास मंत्री भारत सरकार को भेजे ज्ञापन में कहा कि लंबे अंतराल से लगभग 47 माह से मानदेय न मिलने के कारण आधुनिकीकरण शिक्षक भुखमरी की कगार पर खड़े हैं उत्तर प्रदेश में लगभग 9000 मदरसों में कार्यरत लगभग 25000 शिक्षक जो समय से मदरसे पहुंचकर बच्चों को हिंदी अंग्रेजी विज्ञान सामाजिक विज्ञान गणित जैसे आधुनिक विषयों की शिक्षा देते हैं यह आधुनिकीकरण शिक्षकों का दुर्भाग्य कहिए या सरकार की मार कि इन लोगों का आज तक कभी भी समय पर वेतन नहीं मिला है। नेशनल मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष हसीन खां ने बताया कि प्रदेश में क्रोना वायरस महामारी लॉक डाउन के चलते आधुनिकीकरण शिक्षकों की हालत बद से बदतर हो गई है क्योंकि पहले मदरसे के बाद शिक्षक पार्ट टाइम कुछ कार्य कर लेते थे परंतु लाभ डाउन के कारण आजकल शिक्षक घर पर ही समय व्यतीत करते हैं जिस कारण आधुनिकीकरण शिक्षक भुकमरी की कगार पर पहुंच गये हैं। हसीन खां ने बताया कि यह केन्द्र पुरोहित स्कीम है जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित होती है।श्री खां ने कहा कि जब पहली बार मोदी सरकार बनी तो आधुनिकीकरण शिक्षकों ने खुशियां मनाई कि अब कुछ बड़ा होगा लेकिन हाय रे अफसोस कि आज तक ऐसा नहीं हुआ कि इस योजना से जुड़े शिक्षक अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें बल्कि वह सियासत के चक्की में गेहूं की तरह लगातार पिसते रहे। मदरसों में एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर मोदी सरकार का यह जुमला भी अपना अमली जामा नहीं पहना सका आधुनिकीकरण शिक्षकों की समाचार पत्रों के माध्यम से भारत सरकार से यह प्रार्थना है कि पेट में पत्थर बांधकर पढ़ाने को मजबूर मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों क 47 महा से बकाया मानदेय जल्द से जल्द जारी किया जाये और सेवा नियमावली जल्द से जल्द बनवाई जाये ताकि यह लोग भी समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।

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