पढ़ाई की रुचि को देख पड़ोसी करते बच्चों की मदद परिषदीय स्कूलों में व्हाट्सएप ग्रुप ओं के माध्यम से शिक्षा की नई व्यवस्था से छात्र प्रेरित शिक्षकों की जिम्मेदारी व कर्तव्य निष्ठा से बच्चों में बढ़ी रुचि

न्यूज़ वाणी ब्यूरो
फतेहपुर- कोरोना वायरस के चलते जहां एक और आम जनजीवन अस्तव्यस्त है तो वहीं दूसरी ओर उद्योग कारखाने ठप पड़े हैं। जिन्हें रफ्तार नहीं मिल पा रही। यही हाल शिक्षा व्यवस्था का भी इन दिनों है। बंद पड़े परिषदीय विद्यालयों को देखते हुए शासन के निर्देश पर बच्चों की पढ़ाई डिजिटल करने के एक प्रयास को साकार करने के लिए व धरातल पर मजबूती देने के लिए प्रत्येक विद्यालय में बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। मलवां विकासखंड के शिवराजपुर ग्राम सभा में प्राथमिक विद्यालय द्वितीय में प्रधानाध्यापिका लीना साहू की अगुवाई में व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षा की अलख जगाई जा रही है। बच्चों में जहां एक और विद्यालयों में 50 बच्चे ना होने पर कड़ी कार्रवाई शासन द्वारा की जा रही थी विद्यालयों के ऊपर वहीं दूसरी ओर हतप्रभ करने वाला हैरतअंगेज जानकारी विद्यालय से मिली जहां व्हाट्सएप ग्रुप में 44 बच्चे इस समय अध्ययनरत हैं। जिनकी पढ़ाई चार घण्टे प्रतिदिन होती है। 11 से 1बजे तक सुबह शाम 5 से 7 तक दो पालियों में पढाई हो ती है। सुबह होमवर्क की जांच होती है। शाम को होमवर्क दिया जाता है। शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षक श्रुति कीर्ति, नीरजा, सरस्वती देवी वही विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पर जिम्मेदारी के साथ ग्रुप की निगरानी ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में संचालन हो रहा है ए आर पी सुनील तिवारी द्वारा अच्छा कार्य करने वाले छात्र-छात्राओं का समय-समय पर उत्साहवर्धन करते हैं। प्रधानाध्यापिका लीना साहू ने बताया कि घरों से ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाती हैं। छात्र छात्राओं को कला, याद करने के के लिए विषय पाठ को प्रतिदिन बताया जाता है सूचित किया जाता है बाद में वीडियो के माध्यम से बच्चे याद किए हुए विषय को बोलकर सुनाते हुए वीडियो ग्रुप में डालते हैं। ग्रुप की मानिटरिंग ए आर पी सुनील तिवारी द्वारा की जा रही है। जिस तरह 16 बच्चे बिना मोबाइल के ही दूसरों के सहयोग से आगे बढ़ रहे हैं। जो उनके उज्वल भविष्य का शुभ संकेत है। ग्राम प्रधान सूर्यपाल यादव नें बताया द्वितीय प्राथमिक विद्यालय के होनहार बच्चे आनलाइन पढाई कर रहे है। जिसका जिम्मा अभिभावक भी निभा रहे है। इस प्रकार दूसरे विद्यालय के लिए प्रेरणास्रोत है। 44 बच्चों की संख्या विद्यालय का गौरव बढाती है।

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