मुख्यमंत्री केजरीवाल बोले- लंबे समय तक लॉकडाउन रखा तो सैलरी कैसे देंगे, कोरोना खत्म नहीं होगा, हमें इसके साथ जीना सीखना होगा

नई दिल्ली- कोरोना के दिल्ली में लगातार मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन फेज-3 की गाइडलाइन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से सभी सरकारी ऑफिस खुलेंगे। प्राइवेट ऑफिस 33% स्टाफ के साथ काम शुरू करेंगे। यह जानकारी रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दी। उन्होंने कहा कि 24 मार्च से लॉकडाउन बेहद जरूरी था, लेकिन इसे लंबे समय तक लागू नहीं रख सकते। इससे अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। सरकार के सामने सैलरी बांटने का संकट है। हमने केंद्र से कहा है कि हम रेड जोन को छोड़कर बाकी हिस्सों में लॉकडाउन खोलने के लिए तैयार हैं।

केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन फेज-3 में केंद्र सरकार ने जो छूट दी हैं, उन्हें हम दिल्ली में लागू करने जा रहे हैं। सभी सरकारी दफ्तर खुलेंगे। जरूरी सेवाओं से जुड़े ऑफिस में पूरा स्टाफ आएगा। 33% स्टाफ के साथ सभी प्राइवेट दफ्तर भी खुलेंगे। लेकिन एयर ट्रैवल, मेट्रो और इंटरस्टेट बसे बंद रहेंगी। स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान नहीं खुलेंगे। मॉल-सिनेमा हॉल भी बंद रहेंगे। सोशल पब्लिक गेदरिंग पर रोक रहेगी। रिक्शा-ऑटो और कैब, नाई की दुकान, ब्यूटी पार्लर बंद रहेंगे। शाम को 7 बजे से सुबह 7 बजे तक बाहर निकलने पर प्रतिबंध रहेगा।

‘लॉकडाउन न होता तो स्थिति भयावह होती’

केजरीवाल ने कहा कि 24 मार्च को लॉकडाउन लागू करना जरूरी था, नहीं तो आज भयावह स्थिति हो जाती। अब डेढ़ महीने बाद दिल्ली लॉकडाउन खोलने को तैयार है। पूरी दिल्ली को रेड जोन में रखा गया है। हमने केंद्र की सभी गाइडलाइन का पालन किया है। लेकिन पूरी दिल्ली को रेड जोन में रखने से दिल्ली की व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई हैं। नौकरियां जा रही हैं, व्यापारी परेशान हैं। हम इसे लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। इससे अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है। सरकार का रेवेन्यू बंद हो गया है। सैलरी कहां से देंगे। पिछले साल हर महीने 3.5 हजार करोड़ का रेवेन्यू आता था। इस बार सिर्फ 300 करोड़ रेवेन्यू आया है।

‘कोरोना बिल्कुल खत्म हो जाए, ऐसा नामुमकिन है’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने माना कि कोरोनावायरस का खतरा बना रहेगा। आगे यह बिल्कुल खत्म हो जाएगा, ऐसा कभी नहीं हो सकता है। हमें कोरोना के साथ जीने की व्यवस्था करनी होगी। दिल्ली ने इसकी तैयारियां कर ली हैं। हमने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि दिल्ली के कंटेनमेंट जोन को ही रेड जोन में रखा जाए। बाकी जगहों पर दुकानें खोलने दी जाएं। इन्हें एक-एक दिन छोड़कर भी खोला जा सकता है। ऐसा होने से थोड़े केस बढ़ेंगे, लेकिन हम इससे निपटने के लिए तैयार हैं। हम मौतों की संख्या कम करने पर काम कर रहे हैं।

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