न्यूज़ वाणी ब्यूरो
खागा- समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य परवेज आलम ने राज्यपाल महोदया को पत्र लिख कर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आज़म खान और उनकी पत्नी तंजील फात्मा विधायिका रामपुर और उनके बेटे स्वार विधानसभा के पूर्व विधायक अब्दुल्लाह आज़म खान को रमजान के महीने में पैरोल पर जेल से रिहा करने का आग्रह किया है। परवेज आलम ने खागा उपजिलाधिकारी के गैर मौजूदगी में तहसीलदार के माध्यम से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को भेजे अपने पत्र में कहा कि रमज़ान के इस पाक महीने में रोजे में सेहरी, इफ्तार, तरावीह व नमाज़ व इबादत करने में दिक्कतें आएंगी। गौरतलब है कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश अनुसार एक माह से पूरे देश में लाकडाउन जारी है और इस समय सांसद आजम खान साहब व उनकी पत्नी तंजील फातमा( विधायक) व उनके पुत्र अब्दुल्लाह आजम सीतापुर( उत्तर प्रदेश ) जेल में बंद है। ‘लॉक डाउन के कारण इस समय उच्च न्यायालय व जिले की सभी अदालतें बंद है, इस कारण आजम खान साहब व उनके परिवार की जमानत की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। परवेज़ आलम ने कहा कि ‘आजम खान साहब का एक लंबा राजनैतिक इतिहास रहा है, वह दो बार के सांसद, चार बार के कैबिनेट मंत्री, 10 बार के विधायक रहे हैं तथा उनकी पत्नी तंजील फातमा इस समय रामपुर सीट से विधायक हैं तथा उनके पुत्र अब्दुल्लाह आजम 50,000 वोट से जीत कर स्वार सीट से विधायक बने । राजनैतिक द्वेष भावना से साजिश का शिकार हुए सांसद आजम खान व उनके परिवार को जेल में डाल दिया गया । हमें कानून पर पूरा भरोसा है। कानून आजम खान साहब के साथ जरूर इंसाफ करेगा। उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने हर जिले में कई सारे सीनियर सिटीजन जो जेलों में बंद थे, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने जेल से पैरोल पर रिहा कर दिया लेकिन द्वेष भावना के चलते सरकार ने आजम खान व उनकी पत्नी जो सीनियर सिटीजन भी है जेल से पैरोल पर रिहा नहीं किया। तहसीलदार ने ज्ञापन पत्र स्वीकार कर सोशल डिस्टेंसिन्ग की वजह से फोटो व वीडियो के लिए मना किया इस मौके पर चौधरी राजेश यादव (मंडल अध्यक्ष प्रयागराज), मो. जावेद ( पूर्व जिला उपाध्यक्ष छात्रसभा), अदनान सिद्दीकी, जतिन वर्मा, आदि लोग उपस्थित रहे !