न्यूज़ वाणी ब्यूरो/विष्णु सिकरवार ब्यूरो
आगरा- आगरा इन दिनों एक अजीब से ख़ौफ़ में जी रहा है। यहाँ के वाशिंदे एक अजीब से ख़ौफ़ में जी रहे हैं यहाँ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 700 के पार जा चुकी है और लॉक डाउन मानो खत्म ही हो गया है। जिलाधिकारी आगरा हर मोर्चे पर विफल नज़र आ रहे हैं यहाँ संक्रमितों की एक चेन बनती जा रही है। क्या पुलिस वाला, क्या सब्जी वाला, क्या स्वास्थ्य कर्मी क्या किसान हर कोई ताजनगरी में संक्रमण का शिकार हो रहा है। स्वास्थ्य सेवायें बेंटीलेटर पर है चारों तरफ त्राहिमान मचा हुआ है। और माननीयों के साथ मातहतों के साथ सिर्फ और सिर्फ बैठकों का दौर चल रहा है। बीते दिन एक पत्रकार की भी कोरोना संक्रमण से मोत हो गयी है जिससे ताजनगरी के पत्रकार भी खोफजदा है। गौरतलब है कि ताजनगरी में कोरोना का ग्राफ रुके नहीं रुक रहा है बीते दिन एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद भी प्रशासन की छीछालेदर हुई इसके बाद भी यहां हालात दर से बदतर होते जा रहे है। देखने वाली बात ये भी होगी कि तमाम राजनीति और सियासत के बाद भी आगरा के हालात में सुधार नहीं हो पा रहा है। यहाँ शराब की बिक्री चालू होने के बाद तो हालात और अधिक बिगड़ गये हैं। देखने वाली बात होगी कि क्या मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ इस पर गम्भीर हो कर कोई बड़ा कदम उठाते है या फिर किसी और बड़ी स्थिति का इंतज़ार करते हुये यथास्थिति को बरकरार रखते हैं। अभी तक शहर में ही कोरोना वायरस का ज्यादा प्रकोप बड़ रहा था लेकिन शनिवार को शमसाबाद का एक किसान भी संक्रमित हो गया। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी लोग दहसत में जी रहे है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में लॉक डाउन का कंही कोई पालन नहीं हो रहा है हर जगह भीड़ देखने को मिल रही है। प्रशासन आंख बंद करके बैठ गया है। शराब की दुकान खुलने के बाद से धीरे धीरे अन्य चीजें खोलने की तैयारी हो रही है। लेकिन प्रशासन का संक्रमण रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जिससे प्रशासन पर सवालिया निशान लग रहे है।