बिहार बोर्ड ने रिजल्ट से पहले ही करवा लिया है टॉपर्स से ये काम

पटना। (जी.एन.एस) बिहार विद्यालय परीक्षा समिति आज बारहवीं की परीक्षा का रिजल्ट जारी करेगा। लेकिन इस बार न तो प्रोडिकल साइंस वाली रूबी राय टॉप करेगी और न हीं गणेश कुमार ही टॉप करेगा। इन सबसे बचने के लिए बोर्ड ने मैट्रिक के साथ-साथ इंटर के टॉपर्स का भी रिजल्ट घोषित होने के पूर्व बोर्ड कार्यालय में इंटरव्यू कराकर उनका फिजिकल वेरिफिकशन कर उनकी योग्यता को परख लिया है। इसके बाद ही टॉपर्स लिस्ट जारी किया जाएगा। बता दें कि पिछले दो सालों से टॉपर्स को लेकर बिहार बोर्ड सुर्खियों में रहा है और इसी कलंक से बचने के लिए बोर्ड ने पिछले साल से ये व्यवस्था शुरू कर दी थी। बता दें कि इंटमीडिएट आर्ट्स स्ट्रीम का टॉपर गणेश कुमार ऊर्फ गणेश राम को उम्र में गड़बड़ी करने और नाम बदलने को लेकर गिरफ्तार किया गया था तो वहीं साल 2016 की टॉपर रूबी राय ने पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साइंस’ बताकर सभी को हैरान कर दिया था। अपने इन दोनों टॉपर्स की वजह से बिहार बोर्ड की काफी बदनामी हुई थी और टॉपर्स घोटाले का भी खुलासा हुआ था। आज बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट 2018 के परीक्षार्थियों का इंतजार चंद घंटे में खत्म होने वाला है और बोर्ड के मुताबिक आज शाम 4.30 बजे रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। रिजल्ट जारी करने से पहले बिहार के शिक्षामंत्री ने भी कहा है कि रिजल्ट बेहतर रहेगा और टॉपर्स को लेकर कोई भी विवाद नहीं होगा।
बिहार बोर्ड ने मेरिट सूची में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों का रिजल्ट से पहले ही फिजिकल वेरिफिकेशन करवा लिया है। इसके नियम के तरह बोर्ड की ओर से सबसे पहले टॉपर्स का बोर्ड ऑफिस में फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया और फिर उन्हें एक्सपर्ट्स के पास भेजा गया, जहां एक्सपर्ट ने भी उनसे बातचीत की। इन विद्यार्थियों के फिजिकल वेरिफिकेशन और उनसे बातचीत करने के बाद बोर्ड ने टॉप-10 की मेरिट लिस्ट तैयार की है। उसके बाद ही आज परीक्षा के नतीजे जारी किए जाएंगे। बता दें कि पिछले साल इंटर साइंस के रिजल्ट में सिर्फ 30.11 फीसदी छात्र पास हो पाए थे और आर्ट्स में 37.13 फीसदी तथा कॉमर्स में 73.76 फीसदी छात्रों को सफलता मिली थी। बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने जागरण संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया था कि फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल नहीं होने वाले परीक्षार्थियों को टॉप-10 में बोर्ड शामिल नहीं करेगा। बोर्ड की नियमावली में फिजिकल वेरिफिकेशन का प्रावधान पूर्व से है। बोर्ड अब इसे जारी रखेगा। इसे रिजल्ट के एक हिस्से के रूप में देखना चाहिए। गणेश प्रकरण के बाद बोर्ड सचेत जरूर हुआ है। परीक्षार्थियों और अभिभावकों को इसे रिजल्ट के हिस्से के रूप में देखना चाहिए। यह कदम प्रतिभा को न्याय देने के लिए उठाया गया है। उनकी परेशानी कम करने के लिए बोर्ड हर जरूरी कदम उठाएगा। वेरिफिकेशन में शामिल सभी परीक्षार्थियों को यात्रा भत्ता दिया गया है। राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहे परीक्षार्थियों को ट्रेन और हवाई जहाज के टिकट की राशि दी जा रही है। वेरिफिकेशन का पूरा खर्च बोर्ड वहन करेगा। यह गोपनीयता के दायरे में है। इस कारण इससे संबंधित जानकारी साझा नहीं कर सकते है। परीक्षार्थियों के स्कूलों का भी भौतिक सत्यापन जिला प्रशासन और जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से कराया गया। इस संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं कर सकते। बोर्ड के नियमों के अनुसार ही सारी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

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