न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। लोग मंगल साहित्य परिषद के अध्यक्ष सुधाकर अवस्थी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की हो रही दुर्दशा के लिए सीधे तौर पर केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि मजदूर अपने घरों को जाने के लिए पलायन नही कर रहे बल्कि भूख के कारण वह पलायन को मजबूर हैं। उन्होने कहा कि वर्तमान समय तेरा या मेरा की राजनीति का नही है। बल्कि मजदूरों की दुर्दशा की सुधि सरकार को लेनी चाहिए। परिषद के अध्यक्ष सुधाकर अवस्थी ने प्रवासी मजदूरों की हो रही दुर्दशा के लिए केन्द्र सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में प्रथम लाकडाउन का ऐलान करते समय कहा था कि जो जहां है वह वहीं रहें। उनकी पूरी व्यवस्था का वादा भी किया गया था। लेकिन केन्द्र प्रवासी मजदूरों के जीने की न्यूनतम आवश्यकता भूख को मिटाने में विफल रही है। श्री अवस्थी ने कहा कि लोगों के घर जाने की फितरत के कारण मजदूर भाई अपने घरों के लिए पलायन नही कर रहे बल्कि भूख मिटाने के लिए मजदूरों का पलायन हो रहा है। उन्होने कहा कि कामबंदी की वजह से जीविका का बंदोबस्त खत्म हो चुका है। ऐसे में मजदूर व उनका परिवार भूख से तडपने लगा है। श्री अवस्थी ने कहा कि केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय व मानवीय जिम्मेदारी है कि वह शीघा्रतिशीघ्र ट्रन व सड़क मार्ग से मजदूर भाइयों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाये। उन्होने कहा कि इस वक्त तेरा है या मेरा है कि राजनीति छोड़कर मजदूरों की दुर्दशा की सुधि लेने का वक्त है। आजादी के बाद देश पहली बार मजदूर त्रासदी के ऐसे विभत्स व कारूणिक दृश्य देखने को मजबूर हैं। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार प्रवासी मजदूरों को बिना किराया, भाड़ा के सकुशल उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय धर्म का पालन करें। उन्होने कहा कि मजदूर चाहे किसी भी प्रदेश को हो वह अपने देश के ही वाशिन्दे हैं। श्री अवस्थी ने दुःख के साथ कहा कि ऐसे वैश्विक महामारी काल में राजनैतिक भिन्नता के आधार पर विभेद करना पाप ही नही अपराध भी है।