न्यूज वाणी ब्यूरो
उन्नाव- दूसरे राज्यों से प्रवासियों की ट्रेनों से लगातार घर वापसी हो रही है। क्वारंटाइन सेंटरों पर स्वास्थ्य परीक्षण के बाद प्रवासियों में जिनमें कोविड के लक्षण नहीं हैं उन्हें होम क्वारंटाइन कराया जा रहा है। होम क्वारंटाइन वालों पर निगरानी के लिए शहर में मोहल्ला और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम निगरानी समितियां गठित हैं। अब आशा बहू होम क्वारंटाइन प्रवासियों की बीसीपीएम के जरिए स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर फीडिग कराएंगी। फीडिग से पहले वह गांव-गांव जाकर होम क्वारंटाइन प्रवासियों के दरवाजे पर अमिट स्याही से वह कब क्वारंटाइन किए गए और कब तक रहेंगे यह अंकित कर उसकी फोटो भी पोर्टल पर फीड कराएंगी। आशा बहुओं इसके लिए रविवार को नगर पालिका में प्रशिक्षण दिया गया। प्रवासियों की सूची पर विशेष रंग का निशान जरूरी क्वारंटाइन सेंटरों पर पहुंचने वाले हर प्रवासी का ब्योरा प्रशासन रख रहा है। तहसील, ब्लॉक से प्रवासियों की जानकारी वहां बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों से दी जा रही है। उसमें यह बात साफ नहीं हो रही है कि संबधित प्रवासियों को राशन किट दी जा रही अथवा नहीं। उसका प्रमाण तैयार करने के लिए जैसे-जैसे सूची तैयार होती जा रही है। उस सूची को एडीएम राकेश कुमार सिंह के पास जाने से पहले उस पर लाल निशान लगाया जाएगा। सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने बताया कि लाल निशान उसी के नाम पर लगेगा, जिसे खाद्यान्न किट देकर होम क्वारंटाइन कर दिया गया है होम क्वारंटाइन प्रवासियों की निगरानी के लिए उनका डॉटा ऑनलाइन कराया जा रहा है। डाटा ऑनलाइन होने से राशन किट मिलने का सत्यापन करना आसान हो जाएगा। मुख्यद्वार पर नाम लिखे जाने से गांव में हर किसी को यह पता होगा कौन कब तक क्वारंटाइन है। अगर वह उल्लंघन करेगा तो गांव के लोग भी सूचना देंगे।