गोरखपुर था जाना !

न्यूज़ वाणी ब्यूरो
भेज दिया उड़ीसा ।
गोरखपुर था जाना ।।
रेलवे फैला रही ।
यश-कीर्ति का गाना ।।
भूखे-प्यासे लोग ।
ट्रेन श्रमिक स्पेशल ।।
हुआ बंटाधार ।
चल दे रहे पैदल ।।
व्यस्ततम है रुट ||
या है लापरवाही ?
छोड़ी इतनी ट्रेन ।
केवल वाहवाही ?
हरकत में है अमला ।
कर दो लीपापोती ।।
शब्दों में उलझाकर ।
निकाल लेंगे मोती ।।
कृष्णेन्द्र राय

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