कुओं का खत्म होता जा रहा है वजूद, पेयजल का संकट बढ़ा

फतेहपुर खागा,। न्यूज वाणी पेयजल की समस्या को देखते हुए गांव-गांव जहां हैण्डपम्पों का जाल बिछ गया है। वहीं पर बुजुर्गो द्वारा बनाये गये कुंओं का धीरे-धीरे अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। क्योकि गांव के ज्यादातर कुंआ सूख गये है। जानकारी के अनुसान खागा तहसील क्षेत्र के चारों विकास खण्डों के गांव एकडला अहमदगंज तिहार, मठेठा रारी, सरौली, गोधौरा, सधुवापुर, शिवपुरी, रहमतपुर, कुल्ली चचीड़ा खखरेरू शुकुलपुर, सलेमपुर गोली, उमरा, भोगलपुर, काथू, कटोधन सुजानीपुर, सरसई, तिलकापुर ब्योटी, त्रिलोचनपुर बेलई, बेलावा, खरसेड़वा सहित तमाम गांवों में बुजुर्गो द्वारा खुदाये गये कुंआ ज्यादातर सूख गये है। और जिन कुंओं में पानी धोड़ा बहुत है भी उसमें भी लोग पानी नहीं भर रहे इससे कुंओ का अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है। प्रदेश में विभिन्न दलों की सरकारें आयी और गांव के कुंओ को मरम्मत का काम नहीं कराया गया। जलस्तर गिरने की वजह से गांव-गांव इंडिका मार्का हैण्डपम्पों की बाढ़ आ गयी। गांवों में इतने हैण्डपम्प लग गये है कि अब धीरे-धीरे ज्यादातर रिबोर की स्थिति में होते जा रहे है। और खराब भी होते जा रहे है। लेकिन आज भी जो सरकारें आती है वह सभी गांव के लिए पेयजल समस्या को देखते हुए हैण्डपम्प लगाये जाते है। क्योकि गांवों की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं जिस तरह से जलस्तर गिरता जा रहा है। उसी के चलते हैण्डपम्प भी ज्यादा खराब हो रहे है। गर्मी प्रारंभ हो जाने के बाद पानी की खपत ज्यादा हो जाने से कहीं-कहीं हैण्डपम्पों से कीचढ़ भी निकलने लगता है। हैण्डपम्पों के चलते अब बुजुर्गो द्वारा बनाये गये कुंओं का अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है।

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