न्यूज वाणी ब्यूरो/महेंद्र पाल मौर्य
रुद्रपुर। कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार और प्रशासन के सख्त निर्देश है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे जिसके चलते उचित राशन मुहैया कराया जा रहा है। वहीं सस्ता गल्ला विक्रेताओं को भी सख्त आदेश है। हर व्यक्ति तक उसका गल्ला उसके हक के अनुसार पहुंचना चाहिए तो वही गदरपुर के पिपलिया नंबर 1 व सुंदरपुर मकरंदपुर के सस्ता गल्ला विक्रेता मई माह का राशन गोलमाल कर चुके हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही तमाम अनियमितताओं को लेकर सुंदरपुर-मकरंदपुर सस्ता गल्ला विक्रेता की दुकान निलंबित की जा चुकी है और वर्तमान समय में पिपलिया नंबर 1 का सस्ता गल्ला विक्रेता ही दोनों दुकानों को चला रहे है। वही उपभोक्ताओं का आरोप है कि आए दिन दुकानदार बदतमीजी करता है और लोगों के साथ दुव्र्यवहार करता है, धमकी देता है। मनमर्जी राशन बाटता है और देख लेने की बात करता है। इन तमाम ग्रामीणों की शिकायतों को लेकर जब मीडिया कर्मी ने उसे बात करनी चाहिए तो कानून का पाठ पढ़ाने लगा और अभद्रता पर उतारू हो गया। बता दें कि सस्ता गल्ला विक्रेता सुशांत कुमार पिछले कई दशकों से दुकान चला रहा है। जिसके चलते उसकी प्रशासन और सरकार में अच्छी चलती है। वह उपभोक्ताओं के साथ अभद्रता और दबंगई दिखाता है। वही लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना वायरस से बचने का एक अहम पहलू है जिसकी राशन बांटते हुए जमकर धज्जियां उड़ाई जाती हैं। वही सैनिटाइजर की भी कोई व्यवस्था नहीं है। राशन लेने आए अधिकतर लोग बिना मास्क के ही लाइन में लगे हुए थे जिससे अंदाजा लगाया जाता सकता है कि लोग करो ना जैसी बीमारी को किस तरह दावत दे रहे हैं। वही दुकानदार भी सजग नहीं है सवाल यह है की जिम्मेदारी दुकानदार की बनती है और खुद वह जिम्मेदारी ना निभा कर सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है और राशन बांटने में तमाम अनियमितताएं बरत रहा है। जिससे कहीं न कहीं प्रशासन भी सवालों के घेरे में है और ग्रामीण दुकानदार प्रशासन और सरकार की मिलीभगत का आरोप भी लगा रहे हैं। अगर यही चलता रहा तो आम जनता के हक पर डाका यूं ही पड़ता रहेगा और सवाल यह है कि इसकी सजगता कौन लाएगा। गरीब को उनका हक कौन दिलाएंगा।
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