बाबा Vs बाबा: रामदेव को श्री श्री रवि शंकर से मिलेगी टक्कर

नई दिल्ली
श्री श्री रवि शंकर का FMCG ब्रैंड श्री श्री तत्वा अब प्रचार को लेकर बाबा रामदेव के पतंजलि का मुकाबला करने की कोशिश कर रहा है। इसने विज्ञापन और प्रमोशन पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। आयुर्वेद और हर्बल प्रॉडक्ट्स के सेगमेंट का यह नया ब्रैंड देश में 1,000 स्टोर्स खोलने की योजना रखता है। यह प्रचार के लिए मास मीडिया एडवर्टाइजिंग और आउटडोर कैम्पेन पर बड़ा खर्च करेगा। हाल ही में समाप्त हुए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में यह टेलिविजन एडवर्टाइजिंग पर 10 करोड़ रुपये खर्च करने के साथ FMCG कैटिगरी में बड़े एडवर्टाइजर्स में शामिल था। श्री श्री तत्वा स्टोर्स खोलने वाली श्री श्री आयुर्वेद (SSA) ट्रस्ट के चीफ एग्जिक्यूटिव, तेज कटपिटिया ने बताया, ‘इस वर्ष हम तेजी से विस्तार करेंगे। हमारी एडवर्टाइजिंग आक्रामक और निश्चित तौर पर पिछले वर्षों से अलग होगी।’ उन्होंने कहा कि इस फाइनैंशल इयर में 3-4 बड़े एडवर्टाइजिंग कैंपेन चलाए जाएंगे। ये कैम्पेन न्यूज चैनलों के साथ ही जनरल एंटरटेनमेंट चैनल और रीजनल चैनलों पर चलेंगे। इसके साथ ही ऑन-ग्राउंड और आउटडोर एडवर्टाइजिंग होगी। हालांकि, उन्होंने एडवर्टाइजिंग के बजट की जानकारी देने से मना कर दिया। मीडिया बाइंग एजेंसियों का कहना है कि श्री श्री तत्वा एडवर्टाइजिंग और प्रमोशन पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
पतंजलि की तरह श्री श्री तत्वा टूथपेस्ट, पर्सनल केयर आइटम्स और फूड प्रॉडक्ट्स जैसी विशेष कैटेगरी पर फोकस करेगी। IPL के दौरान 10 करोड़ रुपये के टीवी विज्ञापन के अपने कुल बजट में से इसने 4 करोड़ रुपये पर्सनल केयर आइटम्स के लिए टीवी विज्ञापन, 3 करोड़ रुपये टूथपेस्ट और 3 करोड़ रुपये फूड प्रॉडक्ट्स के विज्ञापन पर खर्च किए थे। श्री श्री तत्वा फेस पर्सनल केयर में वॉश, क्रीम, लोशन, शैम्पू और फूड कैटेगरी में घी, चावल, कोकोनट ऑयल जैसे प्रॉडक्ट्स पर जोर देगी। देश में पर्सनल केयर मार्केट में नेचुरल सेगमेंट की हिस्सेदारी लगभग 18,500 करोड़ रुपया या करीब 41 पर्सेंट होने का अनुमान है। पतंजलि आयुर्वेद की सालाना बिक्री 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की है। पतंजलि के टर्नओवर में तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण हिंदुस्तान यूनिलीवर, P&G, कोलगेट पामोलिव, फ्यूचर ग्रुप और डाबर जैसे ग्लोबल और डोमेस्टिक कंपनियों को आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स का अपना पोर्टफोलियो बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

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