फतेहपुर।न्यूज़ वाणी बचपन को कुपोषण से बाहर लाने की चल रही मुहिम के बाद भी कुपोषण की काली छाया हटने का नाम नहीं ले रही है। जिले में अब तक करीब 42 हजार बच्चे अति कुपोषित हैं। सरकार ने अति कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य बनाने के लिए जनपद वार पोषण पुनर्वास केंद्र खोले है। बावजूद इसके इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक नहीं पहुंचाया जा रहा है। गुरुवार को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में एक कार्यशाला का आयोजन कर स्वास्थ्य अधिकारियों को मुफ्त उपचार कराने और बच्चे के साथ आने वाले परिजन को 1400 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की जानकारी दी। यूनिसेफ के स्टेट कोआडिनेटर डा. रविश कुमार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि ब्लाक स्तर पर संचालित अस्पतालों में अति कुपोषित बच्चे के पहुंचने पर उसे एनआरसी भेजा जाए। उन्हें भी बताया कि कि एनआरसी में उपचार के लिए कोई पैसा नहीं लगता बल्कि बच्चे के आधार से लेकर अभिभावक तक को आहार दिया जाता है।उसे प्रोत्साहन राशि से लाभान्वित किया जाता है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता का भी लगाव उक्त योजना से रहे इसके लिए एक बच्चा भर्ती कराने पर आशा या एएनएम को 150 रुपए की प्रोत्साहन राशि अलग से दी जाएगी। कार्यशाला में मुख्य रूप से सीएमओ डा. विनय कुमार पांडेय, एसीएमओ डा. संजय कुमार, सीएमएस डा. हरगो¨वद, डा. रेखारानी, एनआरसी प्रभारी डा. रघुराज समेत सभी ब्लाकों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद रहे।