न्यूज वाणी ब्यूरो
बिजनौर/स्योहारा। केंद्र सरकार की नीतियों के उलट उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी समिति के दोहरे मापदण्ड अपनाए जाने के विरोध में उ.प्र उद्योग व्यापार मंडल रोष जताते हुए आगामी 30 जून व 01 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों के जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौपेंगा। ज्यादा जानकारी देते हुए व्यापार मंडल के प्रदेश सँयुक्त महामंत्री अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 1964 से लागू हुआ था,तब इसकी दर 25 पैसे से लेकर 50 पैसे सैकड़ा तक थी, जो बढ़ते बढ़ते 2 प्रतिशत तक हो गयी,क्योंकि 2 प्रतिशत से ज्यादा प्रदेश सरकार मंडी शुल्क लगा नही सकती थी तो इसलिए 5 प्रतिशत सरचार्ज (सेस) के रूप में कर दिया गया 2.5 प्रतिशत हो गया, क्योंकि यूपी के आसपास के राज्यो में या तो मंडी शुल्क है नही और किन्ही राज्यो में है भी तो उनकी दर। बहुतकम है। जिसकी वजह से यहां का व्यापार पड़ोसी राज्यो में चला जाता है,ओर यहां की मंडियों में भयंकर भ्र्ष्टाचार भी है जिससे अवगत कराते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को अवगत कराते हुए मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग हो चुकी है। पर सरकार द्वारा इस और ध्यान ने देने के विरोध में अब व्यापार मंडल 30 जून व 01 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों के जनप्रतिनिधियों को एक ज्ञापन देकर इस मंडी शुल्क को पूर्ण रूप से समाप्त करने की मांग करेगा।