धर्मशाला। पुलिस थाना फतेहपुर के तहत एक गांव की मानसिक रूप से पीड़ित नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी को विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) राजेश तोमर की अदालत ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माना पीड़िता को पुनर्वास एवं राहत राशि के रूप में दिया जाएगा। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि 27 अप्रैल, 2014 को नाबालिग पीड़िता के पिता ने पुलिस थाना फतेहपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, 25 अप्रैल को दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौट रही मानसिक रूप से पीड़ित नाबालिग बेटी को गांव का ही रामप्रसाद बहला फुसलाकर साथ लगते जंगल की ओर ले गया था और दुष्कर्म किया था। शाम को घर लौटने पर पीड़िता ने मां को इस बारे बताया था। उन्होंने बताया कि बेटी से दुष्कर्म के दोषी को गांव की एक महिला ने मौके पर देखा था, जो कि केस की आई विटनेस थी। इसके बाद पुलिस थाना फतेहपुर में मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने मौके पर जाकर साक्ष्य जुटाए व आरोपित को हिरासत में लिया था। साथ ही क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब धर्मशाला में भी सबूतों को जांच के लिए भेजा था। विशेष जज (पोक्सो एक्ट) राजेश तोमर की अदालत में पहुंचे मामले में 15 गवाह पेश हुए। वीरवार को अदालत ने दोषी को सजा सुनाई।
नाबालिग लड़की से दुष्कर्म की कोशिश करने वाले दोषी को न्यायालय ने साढ़े तीन साल की कैद और 70 हजार रुपये का जुर्माना किया है। जुर्माना अदा न करने पर चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि देहरा के जगदीश ने 17 मार्च, 2014 को पुलिस थाना देहरा में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, वह ठेकेदार है और 17 मार्च को काम के सिलसिले में सनोट से ज्वालामुखी की ओर जा रहा था। इस दौरान रास्ते में एक स्कूटर पर सुनील कुमार निवासी गुम्मर एक बच्ची के साथ जा रहा था। सुनील कुमार रास्ते में रुक गया और जगदीश कुमार भी उससे करीब 150 मीटर दूर रुका, क्योंकि सुनील की हरकतों पर उसे शक हो रहा था। शिकायतकर्ता के अनुसार, पीछे मुड़कर देखा तो सुनील का स्कूटर तो वहीं था। इसके बाद जगदीश ने जंगल में जाकर दोनों को ढूंढ लिया। काफी देर बाद वह जंगल में मिले तो पाया कि सुनील कुमार नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास कर रहा था और बच्ची रो रही थी। इसके बाद जगदीश ने इस संबंध में देहरा थाने को सूचित किया। शिकायत के बाद हुई कार्रवाई में पाया गया कि आरोपित बच्ची का दूर का रिश्तेदार था है और वह बच्ची को बहला फुसला कर लाया था और दुष्कर्म का प्रयास कर रहा था। पुलिस की कार्रवाई के बाद विशेष जज राजेश तोमर की अदालत में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश किए। गवाहों के बयानों के आधार पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी को साढ़े तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 70 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माने की राशि न भरने पर चार माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
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