मुठभेड़ में शहीद हुआ बाँदा का लाल

न्यूज वाणी ब्यूरो
बांदा। कानपुर के बिल्हौर में देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियो के शहीद होने की खबर के बाद उनके गृह ग्रामों में भी अब मातम छा गया है। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा बांदा जिले के सहेवा गांव के रहने वाले थे। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के पैतृक गांव में गम का माहौल बना हुआ है तो घर में पुलिस तैनात कर दी गई है। परिजनों और गांव के लोगों में घटना के बाद से भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है और ग्रामीणों द्वारा यह मांग की जा रही है कि जिस तरह से अपराधियों ने पुलिस को निशाना बनाया है उसी तरह से पुलिस को उनके साथ व्यवहार करना चाहिए और उनको कड़ी सजा देनी चाहिए। कानपुर के बिल्हौर में एक मुठभेड़ के दौरान सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद से प्रदेश के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है सभी शहीदों के परिजनों को सूचित किया जा रहा है। जैसे ही शहीदों की जानकारी उनके परिजनों को मिल रही है तो परिजन ही नहीं अपितु गांव में भी मातम का माहौल हो गया है। बांदा जिले के सहेवा गांव के निवासी देवेंद्र मिश्रा जो कि कानपुर में ही सीओ पद पर तैनात थे उनकी भी मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई है जैसे ही यह सूचना सहेवा गांव में पहुचती है तो गांव में मातम का माहौल छा जाता है। पड़ोसी एवं ग्रामीणो में भी भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामवासियों की मांग है कि ऐसे दुर्दांत हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और उनके साथ इस से भी बुरा सुलूक किया जाए जिससे अगली बार कोई भी हमारे सैनिको, पुलिस कर्मियों पर हमला करने से पहले सौ बार सोचे, गांव के कुछ लोग शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के स्वभाव के बारे में बताते हुए कहते हैं कि देवेंद्र मिश्रा बहुत ही हंसमुख स्वभाव के थे पढ़ाई में भी बहुत तेज थे देवेंद्र मिश्रा के पिता सहेवा गांव में ही अध्यापक थे। शहीद देवेंद्र मिश्रा की प्रारंभिक पढ़ाई गांव सहेवा में ही हुई थी और सभी लोग उनके हंसमुख स्वभाव के कायल हैं। आज अपने शहीद लाल की अंतिम विदाई देने के लिए गांव वाले नम आंखों से तैयारियों में जुट गए हैं वहीं स्थानीय पुलिस अमला भी शहीद के गांव पहुंच चुका है।

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