आज पुरे भारत वर्ष में ईद का त्यौहार मनाया गया। मुस्लिम बिरादरो ने एक दुसरे को ईद की बधाईयाँ दी। देश के प्रधानमंत्री और महामहिम राष्ट्रपति ने भी ईद मुबारक कहा। लेकिन कश्मीर में क्या हुवा ईद के दिन? देश के गृहमंत्री राजनाथजी ने सेना का जवानों पर जान लेवा पत्थराव करने वाले जिन युवाओं को नादान बच्चे कह कर उनके खिलाफ पुलिस केस वापिस लिए उन्ही बच्चो ने ईद के दिन कश्मीर की सडको पर पाकिस्तान और आतंकी संगठन आइएसआइएस का काला झंडा लहराकर जैसे केंद्र सरकार को चिढाने का काम किया की हम नहीं सुधरेंगे। और सुधरे भी क्यों? क्योंकि मन चाहे उतने पत्थर मारो सेना के जवानों को उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी। क्यों की सरकार में उनके हमदर्द राजनाथजी और मुख्यमंन्त्री मेहबूबा जो बैठी हे उन्हें बचाने के लिए। ये हाल है जनाब राजनाथजी कश्मीर का। आपने जिसे गुमराह बच्चे कह कर उनका दुलार किया, उनकी पीठ पर माफ़ी का हाथ लगाया। और उसका नतीजा देश को ये मिला की भारत के कश्मीर में पाकिस्तान और आइएसआइएस के काले डरावने और जिसका काम मजहब के नाम पर निर्दोष लोको की हत्या करना ही है ऐसे झंडे लहराकर केंद्र सरकार और कश्मीर की सरकार को चुनौती दी।इस देश के गृहमंत्री के पद पर कभी सरदार पटेल बिराजते थे। उन्होंने कभी ऐसा कोई कदम नहीं लिया जो आज के गृहमंत्री राजनाथजी ने लिया है। सेना के जवानों पर जानलेवा हमला पत्थरो से करने व्वाले युवाओं के खिलाफ जो सब से पहले पुलिस केस कर जेल में डाल दिए होते तो शायद वे ऐसी गलती न करते जो उन्होंने आज ईद के त्यौहार पर की है। आज उन्हों ने काले झंडे लहराये कल को वे बन्दुक भी उठा शक्ते है। आखिर कौन हे जो कश्मीर की नई पीढ़ी के हाथ में कलम या रोजगार देने की बजाय पत्थर और बंदूके थमा रहे है? एक भूल माफ़ होती है। बार बार दोहराने वाली भूल भूल नहीं होती, वह ख़राब इरादों को गलत अंजाम देने का प्रयास होता है। और कश्मीर में वो ही हो रहा है। इतनी सीधी सादी बात यदि आम लोगो की समझ में आ शक्ती है तो देश के मजबूत इरादे वाले गृहमंत्री की समझ में आना चाहिए।हो शकता है की वे खुद यह सब कुछ समझ रहे हो लेकिन कश्मीर सरकार के दबाव में आकर हाथ पर हाथ धरे बैठे है। नुकशान किसे हो रहा है? राजनाथजी नुकशान आपकी सरकार को हो रहा है। लोग महबूबा को नहीं आप को कहेंगे क्यों की आपने ही महबूबा की बातो में आकर बिगड़े बच्चो को नादान और गुमराह वाले कहा था। भाजपा के एक विधायक ने गुस्से में आकर सच्ची और कडवी बात कह डाली की कश्मीर में सेना के जवानो पर पत्थर बरसाने वाले लोगो पर गोलिया चलानी चाहिए। आज ईद के दिन जो हुवा उसे देखते हुवे सेना को आदेश दे की जवानों पर पत्थर फेंकने वालो पर गोलियां चलेंगी। श्रीमान राजनाथजी क्या आप ऐसा आदेश देंगे? देर न हो जाय कही देर ना हो जाय…!