न्यूज वाणी ब्यूरो
लहरपुर/सीतापुर। तहसील लहरपुर में जंगलीनाथ बाबा पर सावन के महीने में भीड़ उमड़ती थी। एतिहासिक व सनातन धर्म की प्राचीन धरोहर मानते हुए सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर बना हुआ है। जिसमे सावन के महीने में हजारों की तादाद में भग्तगण दर्शन करने के लिए आते थे और अपनी मनोकामना को पूर्ण कराते हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते केस को लेकर लहरपुर प्रशासन ने इस मंदिर को पूरी तरह से बन्द करा दिया जगह-जगह बेरिकेटिंग लगाकर पुलिस तैनात कर दी। जिससे श्रद्धालुओं के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। लोगों का मानना है की यह प्राचीन स्थल है। और यहां पर कई कहानियां मोड़ लेती हैं। जिस प्रकार से शिवलिंग जमीनी स्तर से अंदर की और दिखाई देता है उसके पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी हुई है।लोगों का कहना है कि जब यहां से शिवलिंग उठाने का प्रयास किया गया। तो यह शिवलिंग यहां से उठा ही नही और ज्यों का त्यों बना रहा है। बल्कि नीचे की और जाता रहा लोगों का कहना है कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। लोगों की आस्था यहां से जुड़ी हुई हैं। खासकर सावन के महीनों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है । हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं यहां आते हैं। और अपनी मनोकामना पूर्ण करते है ।इस प्राचीन स्थल का नाम जंगली नाथ बाबा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ है। श्रद्धालुओं का जिस प्रकार से जमावड़ा लगता है वो देखने योग्य होता था । यहां पर मेला लगता था । जिससे इस मंदिर की शान में चार चांद लग जाते थे। यह प्राचीन मंदिर जिला सीतापुर के कस्बा लहरपुर से केसरीगंज में तायपुर में उत्तर साइड में 3 किलोमीटर की दूरी पर बना है।