न्यूज वाणी ब्यूरो
कुछ पैसों के लिए खून बेच दिया जाता है, ओर यंही से शुरू होती है रक्त की कालाबाजारी जिससे गरीव इंसान कर्ज लेकर खून खरीदता है, जब बात गरीब की आती है तब सभी लोग शांत हो जाते हैं। अंधे हो जाते हैं उन्हें गरीब की समस्या न दिखाई देती है ओर न ही सुनाई देती है। जंहा बात गरीब की बाती है वंहा सब कुछ बदल जाता है। रक्तमाफियाओं को सीधे जेल भेजना चाहिए। सबको पता होता है कि खून बिक रहा है पर बोलने को कोई तैयार नही हैं। हम पिछले 2 महीने से फ्री रक्त की मांग कर रहे हैं और हम यह आशा करते हैं कि उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर पहले सरकारी ब्लड बैंकों दे चार्ज मुक्त करे उसके बाद प्राइवेट ब्लड बैंक के बारे में सोचें ऐसा करने से बहुत कम रक्त की कालाबाजारी होगी। युवा सोशल वेलफेयर सोसायटी पिछले 2 महीने से लगातार अखबार, टीवी चैनल सोशल मीडिया के मध्याम में इस मांग को मांगा जा रहा है। सोसाइटी के अध्यक्ष जितेन्द्र सनातनी आगे कहते हैं कि अगर सरकार इस मांग को जल्द ही नही मानती है तो वो सड़क पर उतर कर गरीव के हक की लड़ाई लड़ेंगे। उसके लिए आंदोलन की जरूरत हुई तो वो भी करने को तैयार हैं। सरकार से बस इतनी सी मांग है कि ब्लड बैंक कोई शुल्क न ले खून के बदले खून जरूर ले पर शुल्क न ले। इससे रक्त की कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी। कॅरोना काल मे भी में सभी रक्तसेवकों को नमन करता हूँ कि वो बिना अपनी जान की परवाह किए खून देने चले जाते हैं। जंहा भी जरूरत होती है। ऐसे में अगर उनके खून की कालाबाजारी हो तो बहुत शर्म की बात है। सभी से आग्रह करना चाहते हैं कि सभी रक्तसेवक अपने अपने जिले में यह आवाज उठाएं की रक्त फ्री हो बिना चार्ज के हो युवा सोशल वेलफेयर सोसायटी आपके साथ है, किसी भी स्थिति में किसी की भी जान नही जाने देंगे रक्त की कमी से या रक्त की कालाबाजारी से, हम हर एक परिस्थिति में तैयार हैं पर किसी की जान न जाए, जरूरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे।