आधे प्रदेश में थमे बसों के पहिए

भोपाल। (जीएनएस)21 मई,  यात्री किराए में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर बस ऑपेटरर्स यूनियन की हड़ताल की वजह से आज आधे प्रदेश में बसों के पहिए थमे रहे। इंदौर, उज्जैन संभाग में हड़ताल का ज्यादा असर रहा। बस ऑपरेटर्स यूनियन में फूट की वजह से भोपाल, ग्वालियर एवं सागर संभाग में हड़ताल का असर नहीं रहा। बस ऑपरेटर्स यूनियन ने पहले ही सरकार को 21 मई से हड़ताल करने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने 20 मई की शाम आनन-फानन में 10 फीसदी किराया बढ़ाने का फैसला किया। इससे कई बस ऑपरेटर्स सहमत नहीं है। राज्य शासन द्वारा किराया बढ़ोत्तरी के फैसले पर सहमति जताते हुए भोपाल के बस मालिकों ने हड़ताल स्थगित कर दी है। जबकि इंदौर में बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने रविवार शाम बैठक बुलाई और सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला कायम रखा। एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रजमोहन राठी के मुताबिक, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर संभाग के अधिकांश जिलों के ऑपरेटरों ने हड़ताल पर हैं। यहां ज्यादातर बसों के पहिए थमे हुए हैं। वहीं मप्र बस एसोसिएशन के गोविंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 40 से ज्यादा जिलों में बसों पहिए थमे हुए हैं।
40 फीसदी मांग पर अड़े ऑपरेटर्स
बस मालिकों की मांग हड़ताल पर आमादा बस मालिकों की मांग है कि यात्री किराया 10 प्रतिशत की बजाय 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए। मालूम हो, फरवरी में किराया निर्धारण बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसमें बस मालिकों ने 40 प्रतिशत किराया बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा। इस पर विचार करते हुए राज्य सरकार ने सभी प्रकार की यात्री बसों का किराया 10 प्रतिशत तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया। इससे पहले सरकार ने 2014 में भी 15 प्रतिशत तक यात्री बसों का किराया बढ़ाया था। इसके बाद से किराया नहीं बढय़ा गया।

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