सीतारमण बोलीं- यह बजट देश के हर नागरिक की उम्मीद और आकांक्षाओं का है, जीएसटी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अहम रहा

नई दिल्ली. निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट भाषण दे रही हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियादी मजबूत है। महंगाई काबू में है। बैंकों में भी सुधार हुआ है। वे लगातार दूसरी बार बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री हैं। उनसे पहले इंदिरा गांधी ने एक बार फरवरी 1970 में बजट पेश किया था।

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‘अर्थव्यवस्था में सरकार बड़ा बदलाव लाई’

  • बजट भाषण की शुरुआत करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘मई 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा सरकार बनाने का जनादेश मिला था। उन्हें पूरी विन्रमता के साथ जनता की सेवा करने का मौका मिला। यह जनादेश सिर्फ राजनीतिक स्थिरता के लिए नहीं था, बल्कि आर्थिक नीतियों के लिए भी था। हर महिला, हर अल्पसंख्यक, देश के हर नागरिकता की हर उम्मीदों और आकांक्षाओं का यह बजट है। 2014 से 2019 के बीच हमारी सरकार आर्थिक नीतियों में बड़ा बदलाव लाई। अब अर्थव्यवस्था की बुनियादी मजबूत है। महंगाई काबू में है। बैंकों में भी सुधार हुआ है।’’
  • ‘‘जीएसटी इस देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहा है। इसके मुख्य रचियता आज हमारे बीच नहीं हैं। हम अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देते हैं। वे कहते थे कि भारत, भारत ही रहेगा जब केंद्र और राज्य साझा खुशहाली के लिए एकसाथ काम करेंगे। जीएसटी काउंसिल के बीच आम सहमति यह बताती है कि भारत राष्ट्रहित के लिए मतभेदों को भुला सकता है।’’

‘जीएसटी की वजह से लोग पैसा बचा पा रहे’

  • ‘‘जीएसटी की वजह से लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट में फायदा मिला है। चेक पोस्ट हटने से 20% लागत कम हुई है। इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ है। अब लोग अपने परिवार के मासिक खर्च का 4% हिस्सा जीएसटी की वजह से बचा पा रहे हैं। जीएसटी काउंसिल लोगों की दिक्कतों को सुलझाने का काम रहा है। हमने 60 लाख नए टैक्सपेयर्स जोड़े हैं। 40 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं। नया रिटर्न सिस्टम भी 1 अप्रैल से लागू हो रहा है। एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि अंतिम व्यक्ति तक फायदा नहीं पहुंच पा रहा है। एक रुपए में से 15 पैसे ही लोगों तक पहुंच रहे हैं। लेकिन हमने सबका साथ, सबका विकास के जरिए लोगों तक सीधा और पूरा फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।’’
  • ‘‘आयुष्मान, उज्ज्वला, इंश्योरेन्स प्रोटेक्शन और किफायती घरों जैसी योजनाओं के जरिए हम ऐसा कर पाए हैं। इससे जो फायदा कुछ ही लोगों तक पहुंचता था, अब वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच रहा है। भारत ने 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। हमारी सरकार देश को आगे ले जाने का काम कर रही है। दो बड़े बदलाव हो रहे हैं- टेक्नोलॉजी बदल रही है और प्रोडक्टिव वर्कफोर्स भी बढ़ रही है। हमने पिछले 5 साल में जो कोशिशें की हैं, इससे देश को आगे बढ़ाने में मदद मिली है।’’
  • ‘‘यह बजट तीन थीम पर खड़ा है। ऐस्पिरेशनल इंडिया, इकोनॉमिक डेवलपमेंट फॉर ऑल और केयरिंग सोसाइटी। डिजिटल रिवॉल्यूशन ने भारत को दुनियाभर में नेतृत्व के तौर पर सबसे आगे ला दिया है।’’

नज्म भी सुनाई
सीतारमण ने कवि दीनानाथ कौल की नज्म भी सुनाई- ‘‘एक कश्मीरी नज्म की शुरुआत कर मैं अपना भाषण आगे बढ़ाना चाहूंगी- हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा नवजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।’’

ऐस्पिरेशनल इंडिया

  • ‘‘हमारी सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने 6.11 करोड़ किसानों पर फोकस किया है। किसानों के बाजार को उदार बनाने की जरूरत है। कृषि उपज, लॉजिस्टिक में ज्यादा निवेश करने की जरूरत है। इसके लिए 16 एक्शन पॉइंट्स बनाए हैं।’’
  • ‘‘पहला- उन राज्य सरकारों को प्रोत्साहन देना जो आधुनिक कानूनों को बढ़ावा देते हैं जैसे- कृषि उपज की मार्केटिंग, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कानून को अमल में लाना। दूसरा- जल संकट बड़ी चुनौती है। हम पानी की किल्लत से जूझ रहे 100 जिलों पर फोकस करेंगे। तीसरा- अन्नदाता ऊर्जादाता भी बने। चौथा- हमारी सरकार फर्टिलाइजर के संतुलित इस्तेमाल को बढ़ावा देगी। इससे केमिकल फर्टिलाइजर के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल को रोका जा सकेगा।’’
  • ‘‘20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में सरकार मदद करेगी। हम 15 लाख अन्य किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंप देंगे। सोलर पावर जनरेशन भी बढ़ाएंगे। अगर किसानों के पास खाली या बंजर जमीन है तो वे सोलर पावर जनरेशन यूनिट्स लगा सकेंगे ताकि वे वहां से पैदा होने वाली सोलर पावर को बेच सकें।’’
  • ‘‘पांचवां- भारत के पास 162 मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज की क्षमता है। हम ब्लॉक और तालुक स्तर पर वेयरहाउस बनाने को बढ़ावा देंगे। फूड कॉर्पोरेशन और सेंट्रल वेयरहाउस कॉर्पोरेशन अपनी जमीन पर भी कोल्ड स्टोरेज बनाएंगे।’’
  • ‘‘छठा- स्वयं सहायता समूहों खासकर महिला स्वयं सहायता समूह योजना के जरिए विलेज स्टोरेज को बढ़ावा दे सकेंगी। वे बीजों का संग्रह करेंगी और गांवों में किसानों को जरूरत पड़ने पर उन्हें बीज दे सकेंगी।’’

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