निर्मला 2 घंटे 41 मिनट बोलीं, फिर भी आखिरी दो पन्ने नहीं पढ़ सकीं; 73 साल के 91 बजट में सबसे ज्यादा वक्त लिया
नई दिल्ली. भाजपा के नेता बोलते बहुत हैं। सबूत है बजट भाषण। पिछले 73 साल में 91 बजट (कुछ वर्षों में दो बार बजट पेश होते रहे हैं। खासकर चुनावी सालों में।) पेश किए गए हैं। इनमें समय और शब्द संख्या, दोनों के लिहाज से सबसे लंबा बजट भाषण इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया है। उनका शनिवार को दिया भाषण 2 घंटे 41 मिनट लंबा था। इसमें 18 हजार 926 शब्द थे। हालांकि तबीयत बिगड़ने के कारण वे आखिरी के दो पन्ने नहीं पढ़ पाईं। इंदिरा गांधी के बाद सीतारमण दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने लगातार दूसरी बार बजट भाषण पेश किया। ऐसा नहीं है कि सीतारमण ही सबसे ज्यादा बोलीं, उनके बाद इतिहास के तीन सबसे लंबे बजट भाषण (समय के हिसाब से) भी भाजपा के वित्त मंत्रियों के ही नाम हैं।
सीतारमण से पहले समय के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड जसवंत सिंह के नाम था। उन्होंने 2003 यानी 17 साल पहले 2 घंटे 13 मिनट तक बजट भाषण दिया था।
समय के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण
किसने पेश किया | समय | साल |
निर्मला सीतारमण | 2 घंटे 41 मिनट | 2020 |
जसवंत सिंह | 2 घंटे 13 मिनट | 2003 |
अरुण जेटली | 2 घंटे 10 मिनट | 2014 |
निर्मला सीतारमण | 2 घंटे 05 मिनट | 2019 |
शब्द के हिसाब से भी सबसे लंबा बजट भाषण
शब्द के हिसाब से सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड सीतारमण से पहले कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के नाम था। जिनके 1991 के बजट भाषण में 18,650 शब्द थे। इस मामले में अरुण जेटली दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें नबर पर रहे।
किसने पेश किया | शब्द | साल |
निर्मला सीतारमण | 18,926 | 2020 |
मनमोहन सिंह | 18,650 | 1991 |
अरुण जेटली | 18,604 | 2017 |
अरुण जेटली | 18,122 | 2015 |
अरुण जेटली | 17,991 | 2018 |
हिरूभाई ने 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था
1977 में हिरूभाई एम पटेल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था। मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है। उनके बाद पी चिदंबरम हैं, जिन्होंने 9 बार बजट पेश किए हैं।
अब तक इन तीन प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया
जवाहरलाल लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में बजट पेश किया। 1970 में इंदिरा गांधी बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री बनीं। लेकिन पीएम होने के अलावा उनके पास यह एक पोर्टफोलियो था।