– पांच दिवसीय तनाव मुक्त एवं मेडिटेशन अनुभूत शिविर का दूसरा दिन
– प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रही भीड़
न्यूज वाणी ब्यूरो
बिंदकी/फतेहपुर। भय व अशांति ही मनुष्य के जीवन का सबसे बड़े दुख का कारण है तो निश्चित रूप से भय से दूर रहना चाहिए और मन में अशांति नहीं आना चाहिए। निश्चित रूप से दुखों का निवारण हो सकता है। यह बात नगर के मूला देवी पार्क में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में चल रहे पांच दिवसीय तनाव मुक्त एवं मेडिटेशन अनुभूत शिविर के दूसरे दिन मुंबई से आए ब्रह्म कुमार प्रोफेसर गिरीश भाई ने कही।
उन्होंने कहा कि इंसान के मन में हर समय एक डर और भय बना रहता है यदि ऐसा हो जाएगा तो क्या होगा वैसा नहीं होगा तो क्या होगा इसी से मन पूरी तरह से अशांत रहता है। और मन अशांत होने पर ही स्वास्थ्य खराब होता है और जीवन कठिन मय हो जाता है। उन्होंने कहा कि सत्य को स्वीकार भी करना चाहिए सत्य को स्वीकार करना जीवन की सबसे बड़ी सफलता है जो व्यक्ति सत्य को स्वीकार नहीं करता है जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता है यदि आप सत्य को स्वीकार नहीं कर सकते तो उसे नकारना भी नहीं चाहिए इस मौके पर प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विद्यालय से संबंधित सैकड़ों ब्रम्हाकुमारी ब्रम्हाकुमारी के अलावा आम लोग भी मौजूद रहे और शांत भाव से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते रहे इस मौके पर पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह पटेल, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रामेश्वर दयाल दयालु सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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