जलम जीवनम अर्थात जल ही जीवन है

न्यूज वाणी ब्यूरो/संजीव शर्मा
इटावा। ये सिर्फ एक कहावत मात्र ही है। जिससे किसी से भी कोई लेना देना ही नही है। जल संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध जनपद के जिलाधिकारी जे बी सिंह भी अपने कई संबोधन में हमेशा ही जल बचाने की हर एक बूंद को बचाने की बात अवश्य करते है। लेकिन फिर भी सरकारी कार्यालयों की पानी की टंकियों से लगातार फैल रहा पानी अब यही संदेश दे रहा है कि जल जीवन नही है। उसे जब चाहो जितना चाहो बर्बाद करो उसका कोई भी बिल कभी नही आयेगा शुद्ध पानी को बचाने के लिये जब पूरी दुनियाँ में हाहाकार मचा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी योगी जल बचाओ का संदेश दे रहे है। जब चारों तरफ आजकल पीने का पानी बोतल बन्द व पाउच में बंद होकर बिक रहा है तब उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में लोग पानी की बेतहाशा बर्बादी कर रहे है। जिनमे समर चलाकर अक्सर खुलेआम महंगी गाड़ियां धोयी जाती है व घरेलू जानवरो जैसे भैंसों को भी समर चलाकर पीने के पानी से ही नहलाया जाता है। अव समर प्रथा ने पूरे जनपद की भीतरी जमीनी परत खोखली कर दी है। इसके दुष्परिणाम भविष्य में हम सभी को देखने को भी मिलेंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक इटावा के कार्यालय में गेट के पास ही छत पर रखी पानी की टंकी से हो रही स्वच्छ जल की बर्बादी। समर चलाने के बाद कर्मचारी नही देते ध्यान फैलता रहता है। कई लीटर पीने का स्वच्छ पानी जनपद में शिक्षा के केंद्र बिंदु व जल संरक्षण के लिऐ कई कार्यक्रम आयोजित कर जल संरक्षण का संदेश देने वाले जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के कर्मचारी ही कर रहे शुद्ध जल की बर्बादी। जब जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में ही हो रही पानी की बर्बादी तो फिर अन्य लोगो व विद्यालयों को जल संरक्षण की क्या शिक्षा मिलेगी ये सोचने की बात है। साथ ही शहर में समय समय पर जल संरक्षण की पैरवी करने वाले कुछ चन्द लोग भी अपनी आंखें पूरी तरह से बंद करे बैठे है। जिनकी आंखे केवल किसी जल दिवस पर ही मात्र एक दिन के लिये खुलेंगी फिर बन्द हो जाएंगी।

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