बॉलीवुड, इंडस्ट्री में हीरो नं 1 के नाम से मशहूर गोविंदा आज 53 वर्ष के हो गए हैं। सिंपल बैकग्राउंड से आए गोविंदा फिल्मी पारी की शुरुआत करने के कुछ सालों में ही सुपरस्टार बन गए थे। उनके स्टारडम का आलम यह था कि एक मैगजीन ने गोविंदा को सोने के अंडे देने वाली मुर्गी बताते हुए कहा था कि ‘जिसको 21 साल की उम्र तक कोई जानता नहीं था, उसने 22 साल की उम्र में 50 फिल्में साइन कर ली थीं।’ एक्टर कई मौकों पर और इंटरव्यूज में अपने फिल्मी सफर और स्ट्रगल के बारे में बताते रहे हैं।
साल 1986 से लगातार अपने फैंस को फिल्मी दावतें देते जा रहे गोविंदा, अब तक करीब 128 फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं। फिल्मी पारी के साथ ही एक्टर ने साल 2004 में महाराष्ट्र की सियासत में कदम रखा और कॉन्ग्रेस पार्टी के टिकट पर लोकसभा में चुने गए। हालांकि उन्होंने साल 2008 में राजनीति छोड़ सिर्फ फिल्मों पर ध्यान देने लगे।
‘पार्टनर’, ‘भागम भाग’ जैसी हिट फिल्में दे चुके गोविंदा को पहली फिल्म मिलते ही उनके मामा ने तमाचा मार दिया था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि वे अपनी पर्सनालिटी को लेकर खासे परेशान थे, क्योंकि कोई भी फिल्ममेकर अच्छे दिखने वाले हीरो के साथ ही फिल्म बनाना चाहता था।
उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिए अपने डांस, एक्टिंग और फाइटिंग सीन्स के वीडियो कैसेट्स बनाने शुरु किए। यह वीडियो कैसेट उन्होंने अपने मामा को दिखाया जो किसी और सब्जेक्ट पर फिल्म प्लान कर रहे थे। गोविंदा ने बताया कि उनकी एक्टिंग देखने के बाद मामा ने फिल्म का सब्जेक्ट ही बदल दिया और फिल्म में उन्हें कास्ट कर लिया। उन्होंने कहा कि ‘जब मैंने मामा से पूछा कि किसको हिरो लिया तो उन्होंने कहा कि आंखें बंद करो तुम्हें हीरो की फोटो दिखाते है।’ एक्टर ने बताया कि जैसे ही उन्होंने आंखें बंद की तो मामा ने एक तेज तमाचा मारकर कहा कि ‘तुम ही इस पिक्चर के हीरो हो।’करियर की शुरुआत में ही गोविंदा बॉलीवुड फैंस और दर्शकों के बीच डांसिंग स्टार के तौर पर फेमस हो गए थे। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि वे अपनी डांसिंग हीरो वाली इमेज को बदलने के लिए फिल्म ‘हत्या’ बनाई। गोविंदा बताते हैं कि फिल्म के एक सीन में उन्हें 10 मिनट तक डायलॉग बोलना था, जो कि बहुत मुश्किल काम था। फिल्म के सीन में गोविंदा शराब के नशे में एक ऐसे बच्चे से बात करते हैं, जो ना सुन सकता है और ना ही बोल सकता है। एक्टर के अनुसार चैलेंज यह था कि डांस करने वाले एक्टर को इतनी देर तक कौन सुनेगा।
अपने स्ट्रगल के दौर को याद करते हुए गोविंदा ने कहा था कि वे मां को ट्रेन पर छोड़ने आए थे, लेकिन भीड़ के कारण नहीं बैठा पाए और देखते ही देखते पांच ट्रेनें सामने से गुजर गईं। मजबूरी से नाराज होकर गोविंदा ने तब तो रिश्तेदार से उधार लेकर जैसे तैसे मां को फर्स्ट क्लास का पास बनवाकर छोड़ा, लेकिन तब से ही वे सफल होने के प्रयास में जुट गए।
सफलता का श्रेय हमेशा मां-बाप को देने वाले गोविंदा ने बताया कि पिता की सीख ने उन्हें एक्टिंग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि एक बार उनके पिता ने कहा कि तू कोई भी बिजनेस नहीं कर सकता, क्योंकि तेरे पास लगाने के लिए पैसे नहीं है। तू वही कर जो तू निवेश कर सकता है। एक्टर बताते हैं कि उसी दिन के बाद से उन्होंने केवल एक्टिंग करने की ठानी। एक्टर के अनुसार उन्होंने ताज होटल में भी नौकरी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कमजोर अंग्रेजी के कारण बात नहीं बन पाई।गोविंदा 2008 में मूवी ‘मनी है तो हनी है’ की फिल्मिस्तान स्टूडियो में शूटिंग कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने एक फैन संतोष राय को थप्पड़ मारा था। इसके बाद राय ने बॉम्बे हाईकोर्ट में केस दायर किया था। हाईकोर्ट ने 2013 में पर्याप्त सबूत नहीं होने की वजह से केस खारिज कर दिया था। इसके बाद राय ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। गोविंदा का कहना था कि राय ने साथी महिला आर्टिस्ट के साथ बुरा बर्ताव किया था, इसीलिए उन्होंने उसे थप्पड़ मारा था। माना जाता है कि इस घटना के बाद से ही एक्टर के करियर ग्राफ में गिरावट आ गई थी।स्टारडम का मजा ले रहे गोविंदा ने इंडस्ट्री में लंबे वक्त तक अपनी शादी की बात किसी को पता नहीं चलने दी। एक इंटरव्यू में जब एक्टर से यह सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि वे नहीं चाहते थे कि टीनएज लड़कियों में जो उनकी फैन फॉलोइंग है वो कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मुझे डर लगता था कि शादी की खबर से उनके चार्म में फर्क पड़ेगा और वे नहीं चाहते थे कि उनके प्रशंसकों में कमी हो। गोविंदा ने 11 मार्च 1987 में सुनिता अहूजा से शादी कर ली थी।