विष्णु सिकरवार/न्यूज वाणी ब्यूरो
आगरा। धौलपुर सागरपाड़ा व बरेठा चेकपोस्ट पर अवैध वसूली का खेल जोरों पर अब भी चल रहा है। यह देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि ये चेकपोस्ट परिवहन विभाग ने प्राईवेट रूप से ठेके पर दे दिया है। जिसके चलते इन चेकपोस्टों को पिछले लंबे समय से गुण्डा तत्वों ने अघोषित रूप से कब्जा रखा है। बताया जाता है यहां अवैध वसूली के लिए रखे प्राईवेट गुंडों द्वारा कार्यवाही का झूठा डर दिखाकर कागजों को जप्त करने की धमकी देकर अवैध वसूली की जा रही है। इससे न केवल राजस्व को हानि पहुंच रही है, बल्कि चेकपोस्टों पर लूटपाट का माहौल निर्मित कर रखा था। इन चेकपोस्टों पर बाहरी गुंडो द्वारा परिवहन विभाग वाहनों से खुलेआम अवैध वसूली करवा रहा है। जिससे हर माह सांठ गांठ करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों को हर माह लाखों की काली कमाई हो रही है।
यह बता दें कि इस गोरखधंधे में आरटीओ, वाणिज्यकर, पुलिस और वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत जगजाहिर है। जो प्राईवेट गुंडो कि मदद से खुलेआम अधिकारियो के संरक्षण में सरगने के रूप में चैक पोस्टों पर कब्जा जमाकर अवैध वसूली का खेल चला रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरटीओ चैक पोस्ट से होने वाही काली कमाई का बटौना जिले से लेकर संभाग तक वितरण किया जा रहा है। जिससे सरकार को हर माह लाखों कि राजस्व हानि हो रही है।
हमेशा विवादों में रहे हैं चेक पोस्ट
सागर पाडा और बरेठा चेकपोस्ट पर होने वाली अवैध वसूली का काला खेल हमेशा से विवादित रहा है, इनमें सबसे ज्यादा सागर पाडा है जो मध्यप्रदेश की सीमा से सटा हुआ चम्बल के पास स्तिथ है। कुछ समय पहले इसी अवैध वसूली के प्रकरण में सागर पाडा चेकपोस्ट न केवल जिले में बल्कि राज्य में भी विवादित रहा और इस प्रकरण में कई बड़े पुलिस अफसर व पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिरी थी। लेकिन फिर से वैसा का वैसा माहौल हो गया और अवैध वसूली चल रही है।
स्थानीय गुण्डों व परिवहन विभाग की भूमिका संदिग्ध
विदित है कि इन चेकपोस्टों से होकर अंतर्राज्जीय वाहन गुजरते हैं। धौलपुर हाइवे का 25 किलोमीटर का दायरा चंबल की ओर जहां मध्यप्रदेश की सीमा को जोड़ता है तो वहीं बरेठा चेकपोस्ट उत्तरप्रदेश की सीमा को जोड़ता है। इन चेकपोस्टों से गुजरने वाले वाहनों की चैकिंग फॉरेस्ट, परिवहन, पुलिस और वाणिज्यकर विभाग के द्वारा की जाती है। सूत्रों की मानें तो इस सेन्ट्रल मार्ग से निकासी के एवज में ओवरलोड ट्रक, ट्रॉला से हजारों रुपए प्रति वाहन वसूले जाते हैं। इस कारोबार को धौलपुर के माफिया तत्व मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश से मिलकर चला रहे हैं। अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर कब तक यह अवैध वसूली का खेल चलता रहेगा और सरकार को राजस्व की हानि होती रहेगी।