अम्बेडकर के नाम को मिटाकर पं. दीनदयाल उपाध्याय को महिमा मंडित कर रही सरकार

न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। बसपा शासनकाल में हाईवे के किनारे बाईं ओर राजकीय बालिका आश्रम पद्यति विद्यालयों की स्थापना प्रदेश भर में की गयी थी। इन विद्यालयों का नामकरण डा. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर किया गया था। बसपा शासनकाल में सब कुछ ठीकठाक रहा। लेकिन वर्ष 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश की सत्ता संभालने वाली भाजपा सरकार ने भीमराव अम्बेडकर का नाम इन विद्यालयों से हटाकर पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर कर दिया।
बताते चलें कि बसपा शासनकाल में मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश के हाईवे के बाईं ओर सड़कों के किनारे राजकीय बालिका आश्रम पद्यति विद्यालयों की स्थापना करते हुए इन विद्यालयों का नाम संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर रखा था। बसपा सरकार जाने के बाद वर्ष 2012 में सपा की सरकार आयी लेकिन सपा ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दिये गये विद्यालयों के नामकरण पर कोई भी हस्ताक्षेप नही किया। वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी और योगी आदित्य नाथ प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री बने। भाजपा सरकार आते ही अपने को दलितों का हितैषी बताने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने डा. अम्बेडकर का नाम इन विद्यालयों से हटाकर पं. दीनदयाल उपाध्याय का नाम कर दिया। एक ओर भारतीय जनता पार्टी दलितों की हितैषी बताने का दम भरने से पीछे नही हट रही है। दलितों के साथ खिचड़ी भोज जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं लेकिन दलितों के मसीहा डा. अम्बेडकर के नाम को मिटाने का क्रम भी लगातार जारी है। कई बसपा नेताओं ने प्रदेश सरकार की इस नीति को दलित विरोधी ठहराया है।

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