विनोद सिह/न्यूज वाणी ब्यूरो
शुकुल बाजार/अमेठी। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए शौचालय और महिलाएं खुले में शौच जाने को मजबूर है। ठेकेदारी प्रथा के चलते घटिया सामग्री से बनाए गए शौचालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे है। शुकुल बाजार विकास खण्ड की तमाम ग्राम पंचायतो मे खुले में शौच मुक्त का दृश्य देखने लायक है। ठेकेदारी प्रथा के चलते ठेकेदार द्वारा बनाए गए शौचालयों में पीला ईटा व घटिया सामग्री इस्तेमाल के कारण खुद अपनी दुर्दशा पर शौचालय आसू बहा रहे हैं। जिसके कारण तमाम ग्राम पंचायत की महिलाएं खुले में शौच जाने को मजबूर हैं विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में ग्राम पंचायतों को कागज पर खुले में शौच मुक्त तो कर दिया गया लेकिन जिम्मेदारों ने जांच करना भी उचित नहीं समझा जबकि हकीकत कुछ और ही बयां करती है। घटिया सामग्री से बनाए गए इन शौचालयो मे कुछ की छत टपक रही है तो कुछ के दरवाजे निकल गये है। लाभार्थी भी इसमे में शौच जाने के बजाय लकड़ी कन्डा व बकरियों का आशियाना बनाऐ हुऐ है। कुछ लोगों ने बताया कि साहब ठेकेदारों द्वारा शौचालय पीले ईट बालू से बनाया गया है। दरवाजे भी चद्दर के हलके लगवाए गए जो लगने के बाद से ही टूटकर गिरने लगे। उसमें शौच जाने से डर लगता है। इसलिए हम लोग पहले की तरह बाहर ही शौच के लिए जाते हैं। शौचालय बनवा कर जिम्मेदारों ने अपनी पीठ तो थपथपा ली लेकिन पानी की तरह बहाए गए पैसे का दुरुपयोग के बारे में एक बार भी नहीं सोचा। कुछ इस तरह शौचालय मुक्त पंचायतों का अगर दृश्य देखा जाए तो जिम्मेदारों की पोल खुल कर सच्चाई सामने बयां हो जाएगी। शौच मुक्त किसी भी पंचायत में सुबह महिलाओं को खुले में शौच जाते समय का दृश्य देखा जा सकता है और अधिकारी शौच मुक्त होने की बात करते हैं। यह सब जिम्मेदारों की जानकारी में होने के बावजूद भी अंजान बने रहते देखे जा रहे हैं सूत्रों की मानें तो यह शौचालय कमीशनखोरी की भेंट चढ़ते साफ दिखाई दे रहे हैं। किसी भी जिम्मेदार को जमीनी हकीकत देखने की फुर्सत ही नहीं है।