नई दिल्ली। अगर आपके पास कोई ऐसा नया आइडिया है जिससे आम लोगों की कोई समस्या दूर हो सकती है, उनकी जिन्दगी में कोई बदलाव आ सकता है, तो नीति आयोग आपके लिए खास मौका लेकर आया है। आयोग ने बृहस्पतिवार को ‘अटल न्यू इंडिया चैलेंज’ लांच किया जिसमें स्टार्ट अप, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भाग ले सकेंगे और जीतने पर उन्हें एक करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीयों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इनोवेशन करने वाले उद्यमी इस चैलेंज में भाग ले सकेंगे। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों के साथ व्यापक विचार विमर्श करने के बाद तैयार किया है। चैलेंज जीतने वालों को आयोग अनुदान के साथ-साथ अन्य तरह की मदद भी मुहैया कराएगा।
‘अटल न्यू इंडिया चैलेंज’ के तहत जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने वाली कृषि प्रणाली, सड़क और रेल परिवहन के लिए फॉग विजन सिस्टम, स्मार्ट मोबिलिटी, इलेक्टि्रक मोबिलिटी, सुरक्षित परिवहन, जल गुणवत्ता परीक्षण और कचरा निपटान उपकरण जैसे 17 चिन्हित क्षेत्रों में इनोवेशन के लिए आवेदन किया जा सकेगा। भारतीय कंपनियां खासकर एमएसएमई, शैक्षिक संस्थान और स्टार्ट-अप इस चैलेंज में भाग लेने के लिए 10 जून तक आवेदन कर सकेंगे। चालू वित्त वर्ष में नीति आयोग इस तरह के 50 अनुदान देगा। ये अनुदान एक से डेढ़ साल की समयावधि में तीन किश्तों में मिलेगा।
इस कार्यक्रम के लांच के मौके पर सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया भी मौजूद थे। गडकरी ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी और मॉडल जो भ्रष्टाचार मुक्त हैं, प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के विजन को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय सड़क परिवहन और ढांचागत क्षेत्र में शोध प्रायोजित करने को तैयार है।