सियोल । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात से पहले उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने बड़ा फैसला लिया है। किम ने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण को रोकने की घोषणा की है।उत्तर कोरिया की मीडिया के अनुसार, न्यूक्लियर और मिसाइलों का टेस्ट शनिवार से (आज) रोक दिया जाएगा। परमाणु हमले की धमकी और बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण के जरिए अमेरिका समेत पूरी दुनिया को डराने वाले किम जोंग उन के तेवरों में पिछले कुछ वक्त से नरमी देखने को मिल रही है। किम के इस कदम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि किम जोंग उन ने यह फैसला देशहित में लिया है। इस कदम के पीछे देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय मुद्दों पर लक्ष्त केंद्रित करने की सोच है। किम जोंग उन के इस फैसले को काफी अहम इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि यह घोषणा ऐसे वक्त की गई है जब वो कुछ दिन बाद ही दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति से एक समिट में मिलने वाले हैं।
अब परमाणु परीक्षण की जरूरत नहीं: किम
किम ने सत्तारूढ़ पार्टी की बैठक में कहा, ‘चूंकि परमाणु हथियारों की पुष्टि हुई है। इसलिए अब हमारे लिए मध्य और लंबी दूरी की मिसाइलों या आइसीबीएम के परमाणु परीक्षण या परीक्षण लॉन्च करने की जरूरत नहीं है।’ आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने वर्कर पार्टी की केंद्रीय समिति की सभा में कहा ‘उत्तरी परमाणु परीक्षण स्थल ने अपना मिशन पूरा कर लिया है।’
ट्रंप ने फैसले का किया स्वागत
किम जोंग उन के इस फैसले से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी खुश हैं। उन्होंने उत्तर कोरिया के इस फैसले की सराहना करते हुए ट्वीट किया, ‘उत्तर कोरिया न्यूक्लियर टेस्ट प्रोग्राम रोकने पर राजी हो गया है। यह उत्तर कोरिया और दुनिया के लिए बहुत ही अच्छी खबर है।’
जापान को भरोसा नहीं
किम ने अपने इस ऐलान से पूरी दुनिया को चौंका दिया है, लेकिन जापान ने उत्तर कोरिया पर भरोसा करने से इनकार कर दिया है। जापान के रक्षा प्रमुख का कहना है कि
वे उत्तर कोरिया की बात से संतुष्ट नहीं है। साथ ही जापान ने इस बात का भी ऐलान किया है कि वह उत्तर कोरिया के इस ऐलान के बाद भी उसपर दबाव बनाना जारी रखेंगे।
परमाणु और मिसाइल परीक्षण के कारण निशाने पर आया उ.कोरिया
प्योंगयांग (उ.कोरिया की राजधानी) ने किम के तहत अपने हथियार कार्यक्रमों में तेजी से तकनीकी प्रगति की है, जिसने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अमेरिका, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया और अन्य लोगों द्वारा तेजी से सख्त प्रतिबंधों के अधीन देखा है। पिछले साल किम ने अपने छठे परमाणु परीक्षण में, अब तक के सबसे शक्तिशाली परीक्षण किए और ये भी कहा था कि ये मिसाइल अमरिका तक मार करने में सक्षम है। परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाने के कारण उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा रखे हैं।
मई अंत में ट्रंप-किम की मुलाकात संभव
बता दें कि मई अंत या जून शुरुआत में किम और ट्रंप की मुलाकात संभव है। ऐसा पहली बार होगा जब उत्तर कोरिया का कोई नेता पदस्थ अमरिकी राष्ट्रपति से मिलेगा। जाहिर है कि कुछ वक्त से किम जोंग उन दुनिया के दूसरे मुल्कों से रिश्ते सुधारने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने 2011 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार विदेश दौरा किया और हाल ही में वो चीन गए। जहां उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इसके बाद उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री रूस के दौरे पर गए।