नई दिल्ली: इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करने में दिल्ली क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े एक बड़े इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था। ये हथियार कहीं सप्लाई होते और वारदातों को अंजाम देने में इस्तेमाल होते, उससे पहले ही क्राइम ब्रांच ने तस्करों को धर दबोचा।
तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?
बता दें कि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के 4 अहम सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।
ISI के इशारे पर कैसे होती थी तस्करी?
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।
क्राइम ब्रांच ऐसे जोड़ेगी तस्करों के तार
पुलिस अब यह पता लगाने में लगी है कि अब तक ये लोग कितने हथियार भारत में बेच चुके हैं और किन-किन गैंग या लोगों तक ये असलहे पहुंचे हैं। जांच एजेंसियां मोबाइल, बैंक डिटेल और सोशल मीडिया की मदद से गिरोह के बाकी सदस्यों और उनके लिंक की भी पड़ताल कर रही हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में हैं कुख्यात अपराधी
दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से समर्थित एक बड़े हथियार तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से तुर्की और चीन में बने 10 आधुनिक हथियार बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में पंजाब के फगवाड़ा का मनदीप, उत्तर प्रदेश के बागपत का रोहन तोमर और उत्तर प्रदेश का ही मोनू शामिल है। मनदीप एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ हत्या सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह सोनू खत्री गैंग से जुड़ा हुआ है।
अमेरिका में बैठा है किंगपिन
इस पूरे रैकेट का मुख्य संचालक अमेरिका में बैठा जसप्रीत उर्फ जस्सा बताया जा रहा है, जो पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के साथ सीधा संपर्क रखता है। जांच में पता चला है कि हथियारों की ये खेप ड्रोन के जरिए भारत में स्मगल की जा रही थी। ड्रोन से हथियार निर्धारित जगहों पर ड्रॉप किए जाते थे। खेप को कार्बन पेपर में लपेटा जाता था ताकि स्कैनर और डिटेक्टर में पकड़ में न आए। मनदीप और दलविंदर को इन ड्रॉप लोकेशन से हथियार इकट्ठा करके दिल्ली में डिलीवरी करने के निर्देश मिले थे।
तीन संभावित टारगेट की हुई पहचान
वहीं, रोहन तोमर का संबंध दिल्ली-एनसीआर के कुख्यात जितेंद्र गोगी गैंग से है। वह पहले भी अवैध हथियार सप्लाई करने के आरोप में यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस ने इस रैकेट से जुड़े तीन संभावित टारगेट की भी पहचान की है। मामले की गहन जांच जारी है और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
एजेंसियों ने और पैनी की निगरानी
गौरतलब है कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
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