फतेहपुर : महाशिवरात्रि का पर्व मंगलवार को मनाए जाने को लेकर जहां शिवालय रंग-रोगन के साथ सजकर तैयार हो गए हैं, वहीं भोले बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त वृत के संकल्प के साथ पूजन की तैयारियों में लग गए हैं। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक सिद्धपीठ तो एक दिन पहले ही गुलजार हो गए हैं। विद्युत झालरों व फूल-पत्तियों से मंदिरों को सजाया जा रहा है। कई मंदिरों में मेला व भजन-कीर्तन सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारियां हो रही हैं।
महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व परमात्मा शिव के दिव्य अवतरण का पर्व माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विशेष आध्यात्मिक महत्व रहता है। हर किसी को भोले बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन का इंतजार रहता है। ज्योतिषाचार्य दुर्गादत्त शास्त्री बताते हैं कि चतुर्दशी तिथि 13 फरवरी को रात 11.34 से प्रारंभ हो रही है, त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी होने से महाशिवरात्रि का पर्व तेरह फरवरी को ही मनाया जा रहा है।
मंदिरों के पुजारी व व्यवस्थापक तैयारियों में जुटे हुए है। सोमवार की अर्धरात्रि के कुछ घंटे बाद ही मंदिरों के पट खोलकर पूजा-अर्चना शुरू करा देने की रणनीति बनाई गई है। भक्तों की आस्था व भक्ति में किसी तरह का खलल न आए इसके लिए सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता किए जा रहे है।
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यहां दिखेगा आस्था का मेला
– शहर के प्रसिद्ध तांबेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना व दर्शन-पूजन का विशेष महत्व व महात्म्य बताया जाता है। तभी तो यहां पर दर्शन को भक्त भोर पहर से ही लंबी कतारों पर खड़े हो जाते है। शहर के मोटेश्वर महादेव मंदिर, बड़ा शिवाला, असोथर ब्लाक के जागेश्वर मंदिर, बहुआ ब्लाक के थवईश्वर सिद्धपीठ, चुरियानी स्थिति रूरेश्वर, ¨बदकी नगर के डूडेश्वर धाम, श्रीसिद्धेर्श्वर मंदिर लालपुर, गूढ़ेर्श्वर धाम चांदपुर और जहानाबाद के श्री राजराजेर्श्वर मंदिर, शाहजहांपुर सेलरहा गांव स्थित आधेसुर महादेव, मंक्षिलगांव स्थिति कुंडेश्वर महादेव मंदिर, किशुनपुर कस्बा स्थित मोटे महादेव मंदिर, अमनी गांव स्थित फतेश्वर मंदिर, हथगाम कस्बा स्थित शिव मंदिर, पट्टी शाह शिवाला घाट स्थित मंदिर, नौबस्ता घाट स्थित शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
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