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प्रयागराज डबल मर्डर: ‘गमछा और झोला, राजमिस्त्री ने दंपती को क्यों मारा, खुद बताई वजह

 

प्रयागराज के नैनी के एडीए कॉलोनी में बुजुर्ग दंपती की हत्या का बुधवार को खुलासा हो गया। पुलिस का दावा है कि 20 हजार बकाया मांगने गए राजमिस्त्री ने वारदात अंजाम दी। उसने ईंट-गिट्टी तोड़ने वाली हथौड़ी से पति-पत्नी पर वार कर उन्हें मौत के घाट उतारा था। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (टीसीआई) के रिटायर प्रबंधक अरुण कुमार श्रीवास्तव (65) व उनकी पत्नी मीना (60) की 28 अप्रैल की दोपहर घर के भीतर हत्या कर दी गई थी। डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र ने बताया कि मामले के खुलासे के लिए नैनी पुलिस व एसओजी यमुनापार को लगाया गया था।  दंपती के घर के आसपास लगे कैमरों के फुटेज खंगालने पर घटना वाले दिन एक संदिग्ध नजर आया।

दोपहर में दो बार वह एक कैमरे में कैद हुआ। एक दिन पहले का फुटेज देखने पर पुलिसकर्मी चौंक गए। वही व्यक्ति उस दिन भी नजर आया। मुखबिरों के जरिए, उसकी पहचान श्यामबाबू निवासी चटकहना, औद्योगिक क्षेत्र के रूप में हुई। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई तो वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट निकलवाई गई तो घटना वाले दिन व एक दिन पहले लोकेशन दंपती के घर के आसपास पाई गई।

सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने घटना अंजाम देने की बात कबूल कर ली।  नैनी में दंपती की हत्या करने का आरोपी राजमिस्त्री घटना से पहले व घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज में जाता नजर आया है। फुटेज से यह भी खुलासा हुआ है कि उसने हाथ में सफेद रंग का झोला टांग रखा था। वापसी में भी वह यही झोला लेकर निकलता नजर आया है। उसने नारंगी रंग का गमछा चेहरे पर बांध रखा था। काले व सफेद रंग की चेकदार शर्ट के साथ गहरे भूरे रंग की पैंट और पैरों में चप्पल पहन रखी थी।

फुटेज से यह भी पता चलता है कि आरोपी दंपती के घर के बाहर पहुंचने के बाद पहले कुछ देर तक बाहर ही खड़ा रहता है। माना जा रहा है कि इस दौरान वह बाहर से ही दरवाजा खुलवाने के लिए आवाज लगाता है। इसके बाद जैसे ही दरवाजा खुलता है, वह तेजी से भीतर चला जाता है। कुछ देर बाद वहां से तेज कदमों से चलकर वापस जाता दिखाई पड़ता है। इससे पहले वह दंपती के दरवाजे पर बाहर से ताला लगाता भी नजर आता है।

डीसीपी के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह राजमिस्त्री है और तीन चार महीने पहले मृतक के मकान के दूसरे तल पर निर्माण किया था। दो महीने पहले काम पूरा होने के बाद भी उसका 20 हजार बकाया था और बार-बार मांगने के बावजूद वह रुपये नहीं दे रहे थे। 27 अप्रैल की रात 7:30 बजे वह एक बार फिर गया तो उसे रिटायर मैनेजर ने अगले दिन बुलाया। 28 अप्रैल की दोपहर 12 बजे फिर जाने पर एक घंटे बाद आने को कहा गया। 1:30 बजे के करीब वह दोबारा गया।

आरोप लगाया कि बकाया रुपये देने की जगह उन्होंने गालीगलौज की और उसे थप्पड़ मार दिया। इस पर उसने झोले में ली हथौड़ी से उनके सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। उनकी पत्नी बीच-बचाव करने आने लगीं तो उन्हें खदेड़ लिया। वह अंदर वाले कमरे में भागीं तो वहां पहुंचकर सिर पर ताबड़तोड़ वारकर उन्हें भी मरणासन्न कर दिया और फिर भाग निकला। इससे पहले कूलर पर रखा ताला बाहर से मेन गेट पर लगा दिया।

डीसीपी का दावा है कि दंपती के घर में किसी तरह की लूटपाट नहीं हुई। घर में रखी तीन अलमारियों में गहने व नकदी सुरक्षित है। इस बारे में परिवारवालों से भी बात की गई है और उनका भी यही कहना है कि सारा सामान सुरक्षित है। घटना के बाद एक अलमारी में चाबी लगी होने के चलते यह आशंका जताई गई थी कि घर में लूटपाट की गई।

पुलिस के अनुसार, अरुण कुमार श्रीवास्तव टीसीआई कंपनी से सेवानिवृत्त थे। वह पत्नी मीना श्रीवास्तव के साथ नैनी की एडीए कॉलोनी में पिछले कई वर्षों से रहते थे। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। सभी बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि बेटा मनीष मध्य प्रदेश के रीवा शहर में भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत है। सोमवार दोपहर अरुण और उनकी पत्नी अपने घर में थे। करीब 4:15 बजे घर के किराएदार ने देखा कि मेन गेट पर कुंडी लगी हुई है। ऊपर जाकर देखा तो दोनों अपने कमरे में खून से लथपथ पड़े थे।

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