नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के रिश्तों का आयाम किस तरह बदला है उसे समझने के लिए वहां अगले हफ्ते पहुंच रहे पीएम नरेंद्र मोदी की अगवानी की तैयारियों से अंदाजा लगा सकते हैं। पीएम मोदी वैसे तो वहां तीन दिन रहेंगे, लेकिन द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा 18 अप्रैल को होगी और उस पूरे दिन मोदी के साथ या तो वहां की पीएम थेरेसा मे साथ रहेंगी या फिर प्रिंस चार्ल्स। शाम को मोदी रानी विक्टोरिया से भी मिलेंगे। पूरे दिन मोदी उन लोगों से कई दौर में मुलाकात करेंगे, जिन्होंने भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को मौजूदा मुकाम पर पहुंचाने में पूर्व में कोई योगदान दिया है या आने वाले दिनों में अहम भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं।
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस बार मोदी की यात्रा सिर्फ एक भारतीय पीएम की सामान्य यात्रा नहीं होगी, बल्कि एक ऐसे देश के पीएम के तौर पर वह वहां जा रहे हैं जिसकी कंपनियां ब्रिटेन में रोजगार पैदा करने में दूसरे स्थान पर है। यही नहीं ब्रिटेन में निवेश करने में भारत का स्थान तीसरा है। आने वाले कुछ वर्षों में भारत ब्रिटेन में सबसे ज्यादा निवेश करने वाला राष्ट्र भी बन जाए तो कोई आश्चर्य नहीं। इस यात्रा की अहमियत आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि पहली बार किसी भारतीय पीएम की द्विपक्षीय यात्रा एक थीम के तहत की जा रही है। इस बात का थीम है द्विपक्षीय रिश्तों में अहम योगदान देने वालों का सम्मान करना। इसमें वे वृद्ध भी होंगे जिन्होंने पिछले 70 वर्षो में लेखन, कारोबार, कला, विज्ञान आदि क्षेत्रों के जरिए काफी योगदान किया है और वे युवा भी होंगे जो स्टार्ट अप, नए अन्वेषण आदि के जरिए आने वाले दिनों में नया योगदान करेंगे। इस श्रेणी में आने वाले सैकड़ों भारतीयों व ब्रिटिश नागरिकों से मोदी की मुलाकात होगी।
लंदन की सुविख्यात साइंस म्यूजियम में भारतीय विज्ञान पद्धति के 5000 वर्षों के इतिहास पर आयोजित प्रदर्शनी में मोदी का स्वागत प्रिंस चार्ल्स करेंगे। प्रिंस चार्ल्स और पीएम मोदी वहां साथ साथ आयुर्वेद पर लगाई गई एक प्रदर्शनी को भी देखेंगे। सनद रहे कि प्रिंस चार्ल्स की भारतीय आयुर्वेद व चिकित्सा पद्धति में काफी रुचि है। माना जाता है कि वह व्यक्तिगत यात्रा पर एक निश्चित अंतराल पर बंगलोर स्थित भारतीय चिकित्सा केंद्र में आते हैं और तकरीबन यहां एक महीने का प्रवास करते हैं। बहरहाल, मोदी और प्रिंस चार्ल्स के सामने ही इंग्लैंड के प्रतिष्ठित कालेज ऑफ मेडिसिन और भारत के आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के बीच एक समझौता होगा, जिसके तहत वहां आयुर्वेद का सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। इसके बाद मोदी क्रिक इंस्टीट्यूट जाएंगे जहां उनका स्वागत इस बार पीएम मे करेंगी। यहां दोनो कैंसर पर शोध करने वाले भारतीय शोधार्थियों से मिलेंगे। इसी बीच पीएम मोदी टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी लैंडरोवर के प्लांट भी जाएंगे जहां वह कंपनी की नई इलेक्टि्रक व्हिक्ल को लांच करेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक, सुबह में ही मोदी और मे की अगुवाई में द्विपक्षीय बैठक होगी जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय हाल के दिनों में दोनो देशो के बीच होने वाली सबसे अहम बैठक बता रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में कुछ बेहद अहम सहयोग पर दोनो पक्षों में बात होगी जिसका खुलासा बाद में किया जाएगा। मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) अभी दोनों पक्षों के एजेंडे में उपर नहीं है। भारत अभी ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के बीच बे्रक्जिट पर चल रही वार्ता के नतीजे का इंतजार करेगा। उसके बाद ही एफटीए को लेकर कोई रणनीति बनेगी।