छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और मासूम बेटी की निर्मम हत्या कर दी गई थी। वारदात को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों ने पहले महिला से रेप किया, फिर दोनों की हत्या कर दी। इसके बाद शवों को नग्न अवस्था में घर से करीब 5 किलोमीटर दूर फेंक दिया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि 9 अक्टूबर की रात जगराता कार्यक्रम के दौरान हत्याकांड का सिलसिला शुरू हुआ। मुख्य आरोपी कुलदीप साहू, जो स्थानीय स्तर पर सक्रिय था, का अपने भाई संदीप साहू को लेकर पुलिसकर्मी से पुराना विवाद था। दरअसल, जगराते की रात संदीप का कुछ युवकों से झगड़ा हुआ था। दो दिन बाद पुलिस ने भाजपा नेताओं के दबाव में संदीप को हिरासत में लेकर थाने में पीटा था। इससे नाराज़ होकर कुलदीप ने पुलिसकर्मी और उसके परिवार से बदला लेने की ठानी।
13 अक्टूबर की रात कुलदीप अपने साथियों आर्यन विश्वकर्मा, चंद्रकांत चौधरी (NSUI नेता) और रिंकू सिंह के साथ पहुंचा। घर में घुसकर हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी से रेप किया गया और फिर दोनों मां-बेटी की तलवार से हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शवों को घर से 5 किलोमीटर दूर नग्न अवस्था में फेंक दिया गया। घटना से पहले कुलदीप साहू ने आरक्षक घनश्याम सोनवानी पर खौलता तेल फेंका था और पुलिस टीम पर फायरिंग भी की थी। उसने कई बार पुलिसकर्मियों को “तलवार से काट देने” की धमकी दी थी।
वारदात के बाद पूरे सूरजपुर में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने मुख्य आरोपी की गाड़ियों में आग लगा दी और चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। भीड़ ने आरोपियों के एनकाउंटर की मांग की। मामले की गंभीरता देखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से एसपी एम.आर. अहिरे को हटा दिया था। अभियोजन पक्ष के वकील संजय अंबष्ट ने बताया कि मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में विचाराधीन है। अब तक 33 से अधिक गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है, जबकि पुलिस, फोरेंसिक और साइबर सेल की गवाही बाकी है। अभियोजन ने इसे “रेयर ऑफ रेयरेस्ट” श्रेणी का मामला बताया है।
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