नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर मामले में दिल्ली पुलिस ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अतुल कुमार श्रीवास्तव ने एक कविता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मौत से कुछ दिन पहले यानी 5 जनवरी-2014 को सुनंदा पुष्कर ने अपने पति को ईमेल में लिखा था, मेरी जीने की इच्छा नहीं है, मैं सिर्फ मौत की कामना कर रही हूं। चार्जशीट के पेज नंबर 270 पर इस कविता का जिक्र है। इसे दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ पहला सीधा सबूत माना है। स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने यह भी कहा कि सुनंदा पुष्कर के शरीर पर मौत से पहले चोट के निशान थे, जो पोस्टमार्टम में भी सामने आई है। जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तो उन्हें तेज बुखार था।
दिल्ली पुलिस ने थरूर पर आईपीसी की धारा 498-ए (क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के आरोप लगाए हैं। धारा 498-ए के तहत अधिकतम तीन साल के जेल की सजा हो सकती है। वहीं धारा 306 के तहत ज्यादा से ज्यादा 10 साल की सजा हो सकती है। दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी-2015 को आईपीसी की धारा-302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। थरूर को इस मामले में अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। शशि थरूर ने 14 मई को चार्जशीट दाखिल किए जाने पर टिप्पणी की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, सुनंदा को जानने वाला कोई भी नहीं मानेगा कि वह आत्महत्या कर सकती है। थरूर ने लिखा, अगर चार साल से ज्यादा समय के बाद जांच इस निष्कर्ष पर पहुंची है तो यह दिल्ली पुलिस के तरीके को अच्छा नहीं बताती है।
उन्होंने लिखा था, साल 2017 के अक्टूबर में कानून अधिकारी ने दिल्ली हाईकोर्ट में बयान में कहा था कि उन्होंने किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं पाया है और अब छह महीने बाद कहते हैं कि मैंने आत्महत्या के लिए उकसाया है। यह विश्वास करने लायक नहीं है।