नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में रमन सिंह नीत भाजपा सरकार द्वारा की गई 11 संसदीय सचिवों की नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया। हाई कोर्ट ने नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका पर छत्तीसगढ़ सरकार और उसके द्वारा नियुक्त संसदीय सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 11 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया है और उन्हें राज्यमंत्री के बराबर दर्जा दिया है। संसदीय सचिव बनाए गए विधायकों में भाजपा विधायक अंबेश जांगडे, लाभचंद बाफना, लखनलाल देवांगन, मोतीराम चंद्रवंशी, रूपकुमारी चौधरी, शिवशंकर पैकरा, सुनीति राठिया, टोखन साहू, चंपा देवी पावले, गोवर्धन सिंह मांझी और राजू सिंह छत्री शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल को संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। पिछले वर्ष अगस्त में दिए गए अंतरिम आदेश में हाई कोर्ट ने कहा था कि संसदीय सचिव मंत्रियों के बराबर की शक्ति और सुविधा के हकदार नहीं हैं।