सरकार ने जीएसटी 2.0 में बड़ा बदलाव किया है। इससे छोटी कारों के साथ बड़ी गाड़ियों के खरीदारों को भी फायदा होगा। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार प्रीमियम कारों पर टैक्स कम हुआ है। ऐसा अतिरिक्त सेस हटाने से हुआ है। पहले बड़ी पेट्रोल और डीजल कारों पर लगभग 50% टैक्स लगता था। इसमें 28% जीएसटी और 22% कंपनसेशन सेस शामिल था। नई व्यवस्था में इसे सरल करके 40% जीएसटी कर दिया गया है। इस बदलाव से ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव आएगा। बड़े वाहनों पर ज्यादा टैक्स लगने से इनकी मांग कम हो गई थी।
जानकारों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में कार कंपनियां कीमतें बदलेंगी। इससे प्रीमियम सेडान और एसयूवी गाड़ियां खरीदना लोगों के लिए आसान हो जाएगा। यह सुधार जीएसटी को आसान बनाने के लिए किया गया है। अब सिर्फ चार स्लैब 0%, 5%, 18% और 40% होंगे। पहले 12% और 28% के रेट थे। इन्हें हटा दिया गया है। छोटी गाड़ियां जैसे 350 सीसी से कम की मोटरसाइकिल, एंट्री-लेवल कार, तीन-पहिया वाहन, बसें और ट्रक अब 18% स्लैब में आएंगे। इससे ये गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी। जीएसटी 2.0 से ऑटोमोबाइल मार्केट के दोनों छोर – बजट बाइक और लग्जरी एसयूवी – को फायदा होगा। इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि इससे डिमांड बढ़ेगी, खासकर त्योहारों के मौसम में।
पहले बड़ी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर बहुत ज्यादा टैक्स लगता था। इसमें 28% जीएसटी और 22% कंपनसेशन सेस शामिल था। इस तरह कुल टैक्स लगभग 50% हो जाता था। लेकिन, अब सरकार ने इसे बदल दिया है।अब इन गाड़ियों पर सिर्फ 40% जीएसटी लगेगा। सरकार ने अतिरिक्त सेस को हटा दिया है। ईवाई के अनुसार, ‘एक बार जब कोई आइटम 40% स्लैब में आ जाता है तो उस पर कोई अतिरिक्त सेस या सरचार्ज नहीं लगाया जा सकता है। इससे ऑटोमोबाइल कंपनियों और ग्राहकों को बहुत स्पष्टता मिलेगी।’ इसका मतलब है कि अब टैक्स को लेकर कोई झंझट नहीं होगा।