छतों पर लगे टावर कभी भी बन सकते जानलेवा टैक्स चोरी, कामर्शियल लिखा-पढ़ी में भी भवन स्वामी चुरा रहे मुंह प्रशासन को इन टावरों की ओर नजर उठाने की नहीं फुरसत
फतेहपुर। शासन से जारी किये गये कठोर नियमों की अवहेलना करते हुए जिले के तमाम स्थानों पर धडल्ले से छतों पर लगे मोबाइल टावर ठंेगा दिखा रहे हैं। नियमा अनुसार इनकी ओर देखा जाए तो तमाम मोबाइल टावर सीज करने की स्थित पर हैं। प्रशासन अपने कार्यों में उलझा है। इसी अनदेखी और लापरवाही के चलते इन मोबाइल टावरों पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। यही नहीं छतों पर लगे यह मोबाइल टावर भूकम्प व चक्रवात एवं तेज तूफान के आने पर बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। विविद हो कि शासन ने छतों पर स्थापित मोबाइल टावरों को लेकर तमाम कड़े प्रतिबंधात्मक नियम बनाये गये है। इन नियमों के आधार घनी बस्ती में छतों पर इन टावरों की स्थापना नहीं की जा सकती है। वहीं यदि छत पर मोबाइल टावर लगवाया भी जाता है तो भवन स्वामी को टावर लगवाने से पूर्व प्राप्त होने वाली धनराशि के सापेक्ष कर का भी भुगतान करना पड़ेगा। यहीं नहीं जितने भी मोबाइल टावर युक्त भवन होंगे उनमें व्यवसायिक उपभोगता की जानकारी भी दर्ज करनी होगी। परंतु जिले में दर्जनों घरों और प्रतिष्ठानों की छतों पर मोबाइट टावर स्थापित हैं किन्तु इन भवन स्वामियों द्वारा न तो किसी प्रकार का टैक्स दिया जा रहा है और न ही अपने भवनों के आवासीय प्रयोग को कमर्शियल में ही परिवर्तित कराया है। इनके अतिरिक्त छतों पर लगे इन मोबाइल टावरों से कभी भी हो सकने वाली दुर्घटनाओं को रोंकने के लिए भी किसी स्तर पर कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही। शहर अधिकांश स्थानों पर लगे मोबाइल टावरों को देखने से ही भय लगता है। कि अगर किसी कारणवश इनके ऊपर खतरा आ गया तो आस-पास के भवन स्वामियों के साथ-साथ दुकानदारों की बुरी सामत है। भगवान न करे कभी ऐसा हो किंतु इस तरह की लापरवाही से प्रशासन को सजग रहना पड़ेगा।