Breaking News

 निर्माण निगम के पूर्व MD के ठिकानों पर रेड

सतर्कता अधिष्ठान (विजलेंस) की टीम ने बुधवार को यूपी राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) के पूर्व एमडी छत्रपाल सिंह उर्फ सीपी सिंह के लखनऊ, दिल्ली और देहरादून स्थित घरों पर विजिलेंस की छापेमारी की। खुली जांच में आय से अधिक संपत्ति के आरोप सही पाए जाने के बाद विजिलेंस ने सीपी सिंह के खिलाफ सोमवार को ही आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। इसके बाद बुधवार को यह कार्रवाई हुई।

मायावती सरकार के दौरान स्मारक निर्माण घोटाले में सीपी सिंह की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। उन पर 2007 से 2012 के दौरान यूपी राजकीय निर्माण निगम का MD रहने के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। जांच में सामने आया कि उन्होंने पद पर रहते वक्त अकूत संपत्तियां बनाई हैं।

लग्जरी गाड़ियां, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और जेवर मिले
जांच में सामने आया है कि सीपी सिंह ने एमडी के पद पर रहते हुए दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम और देहरादून समेत कई राज्यों में अपने और रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित की। सूत्रों के मुताबिक छापेमारी में उनके पास से लग्जरी गाड़ियां, कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज और जेवर आदि मिले हैं। छापेमारी की पुष्टि विजिलेंस एडीजी राजीव कृष्णा ने की है।

बसपा सरकार में स्मारक घोटाला में आया था नाम
बसपा सरकार में स्मारक निर्माण के घोटाले में सीपी सिंह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हुई थी। खुली जांच होने के बाद शासन से उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज करने की सरकार से अनुमति मांगी थी। सोमवार को शासन की तरफ से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने FIR दर्ज कर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी दो से तीन दिन तक चल सकती है।

जांच रिपोर्ट में घोटाले में एक पूर्व मंत्री समेत 199 लोग आरोपी
मायावती शासन के दौरान 2007 से 2012 के बीच लखनऊ और नोएडा में हुए स्मारकों के निर्माण में 1410 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। सीपी सिंह का नाम इसी स्मारक घोटाले में सामने आया था। इस मामले में शुरुआती जांच तत्कालीन लोकायुक्त ने की थी। उन्होंने 20 मई 2013 को अपनी रिपोर्ट तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और मुख्य सचिव को भेजी थी।

लोकायुक्त ने अपनी जांच में घोटाले के लिए एक पूर्व मंत्री समेत 199 लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले में विस्तृत जांच कराने के लिए सिफारिश की थी। लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने शुरुआती जांच EOW से कराई थी। फिर मामले को विजिलेंस के सुपुर्द कर दिया गया था।

सपा के कद्दावर नेता और मुंबई बेस कारोबारी अबू आजमी ने अपना सबसे ज्यादा कालाधन वाराणसी में खपाया है। आयकर विभाग की जांच में यह बात सामने आई है। पता चला है कि 2016 से 2022 के बीच अबू आजमी और उनके सिंडिकेट ने करीब 400 फ्लैट, कॉमर्शियल बिल्डिंग (जिनमें मॉल भी शामिल हैं), रिसॉर्ट और जमीन खरीदने में पैसा इन्वेस्ट किया है। बताया जा रहा है कि अकेले वाराणसी में अबू आजमी ने 314 करोड़ रुपए से अधिक काले धन का इन्वेस्टमेंट विनायक ग्रुप के जरिए किया। वहीं आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए सपा नेता को नोटिस भी दिया है, लेकिन अभी तक अबू आजमी की ओर से किसी तरह का जवाब नहीं आया है।

 

About NW-Editor

Check Also

‘आतंकवादी है प्रदेश और केंद्र की BJP सरकार” राम का राजनीतिकरण किया जा रहा

कांग्रेस पार्टी की यूपी जोड़ो यात्रा करीब 550Km का सफर तय करके शनिवार को लखनऊ …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *