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परिवार का इकलौता सहारा खोया: मऊगंज में ASI की हत्या, TI समेत 10 घायल!

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में आदिवासी परिवार के हमले में एक एएसआई की मौत हो गई। तहसीलदार के हाथ-पैर तोड़ दिए। टीआई समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हैं। गांव में धारा 163 (आपातकालीन स्थिति में) लगाई गई है। यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात है। रविवार सुबह प्रभारी मंत्री लखन पटेल गांव पहुंचे हैं। दरअसल, शाहपुरा के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने कल यानी शनिवार को एक युवक को बंधक बना लिया था। उसे छुड़ाने पहुंचे टीआई संदीप भारती और पुलिस टीम पर आरोपियों ने हमला कर दिया। हमले में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। टीआई संदीप भारती के सिर पर गंभीर चोट आई है। वहीं, हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनका के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हैं। इनके अलावा 8 और पुलिसकर्मी घायल हैं। जिसे बंधक बनाया था उसकी भी हत्या कर दी गई है। रामचरण के भाई का कहना है कि पुलिस हालात को समझ नहीं सकी, इसलिए बड़ी घटना हो गई। रामचरण परिवार का इकलौता सहारा थे। वे 6 महीने बाद रिटायर होने वाले थे।

मृतक ASI रामचरण गौतम की पार्थिव देह रविवार दोपहर 3.30 बजे शव गृह ग्राम सतना पहुंची। यहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। थोड़ी देर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। एएसआई रामचरण गौतम का शव सतना जिले के पवैया गांव लाया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गौतम अपने परिवार के एकमात्र सहारा थे। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। उनकी मौत की खबर से गांव में मातम है। गौतम के बड़े बेटे सुनील और परिजन उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एएसआई के बड़े भाई रामजी गौतम का कहना है कि पुलिस स्थिति का सही आकलन नहीं कर पाई, इसलिए बड़ी घटना हो गई। रामचरण गौतम 1984 में पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वे वर्तमान में रीवा जिले के शाहपुर में पदस्थ थे। हिंसा के दौरान उनकी ड्यूटी मऊगंज में लगी थी, जहां उपद्रवियों के हमले में जान चली गई। पूरा विवाद दो महीने पहले हुए एक सड़क हादसे से जुड़ा है। हादसे में अशोक कोल की मौत हो गई थी। आदिवासी परिवार ने इसे हादसा न मानते हुए सनी द्विवेदी नाम के युवक पर हत्या का आरोप लगाया था।

शनिवार शाम करीब 4 बजे आदिवासी परिवार ने सनी द्विवेदी को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया और उसकी पिटाई की। मारपीट में सनी की मौत हो गई। युवक को बचाने पहुंची पुलिस पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया। एसडीओपी अंकिता शूल्या और एसआई आरती वर्मा ने खुद को गांव में ही एक कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद भारी पुलिस फोर्स पहुंचा। फायरिंग करते हुए पुलिस अंदर घुसी और बंधक बनी एसआई-एसडीओपी को बाहर लाई। सनी द्विवेदी के शव को भी बाहर लाया गया। हमले में एसएएफ के एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। घटना में घायल शाहपुर थाना प्रभारी शाहपुर संदीप भारती, हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनका, एएसआई जवाहर सिंह यादव, राम केवट, राम लखन मिश्रा को रीवा रेफर किया गया है। वहीं, विकास पांडेय, प्रीति यादव, रामवचन यादव, देववती सिंह, बृहस्पति पटेल को सिविल अस्पताल और आशीर्वाद हॉस्पिटल, मऊगंज में भर्ती कराया गया है। मृतक एएसआई रामचरण गौतम, 25वीं बटालियन भोपाल में थे। वे सतना के कोठी थाना इलाके के पवैया गांव के रहने वाले थे। 8 महीने बाद उनका रिटायरमेंट था। स्थानीय लोगों ने बताया कि रजनीश द्विवेदी की गड़रा गांव में जमीन है। गांव का ही रहने वाला अशोक कोल (आदिवासी) उनके यहां अधिया पर काम करता था। कुछ दिन पहले अशोक ने इसी जमीन से लगी भूमि को खरीद लिया था।

लोगों का कहना है कि सनी और उसके परिवार वालों को यह बात अच्छी नहीं लगी। करीब दो महीने पहले अशोक रजिस्ट्री करवाने के लिए हनुमना गया था। बाइक से लौटते वक्त सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई थी। परिवार वालों का आरोप था कि सनी ने उसकी हत्या की है। शाहपुर थाने के तत्कालीन टीआई जगदीश ठाकुर ने बताया था कि अशोक की बाइक भैंस से टकरा गई थी। इसी कारण वह गिर गया था, जिससे गंभीर घायल होने से मौत हुई है। अशोक के परिवार वाले हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसी के बाद से अशोक के परिवार वालों ने द्विवेदी परिवार से दुश्मनी मान ली। लोगों का कहना है कि दोपहर करीब 1:30 बजे सनी घूमते हुए आरोपियों के मोहल्ले में चला गया था। इसी दौरान अशोक के परिवार वालों ने उसे पकड़कर बंधक बना लिया। मारपीट भी की। इससे उसकी मौत हो गई। कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। आसपास के गांव के आदिवासी समाज के करीब 250 लोग इकट्‌ठा हो गए। पुलिस पहुंची तो उस पर हमला कर दिया। प्रभारी मंत्री लखन पटेल और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल रीवा अस्पताल में भर्ती पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे। प्रभारी मंत्री ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस अपना काम कर रही है। पुलिस पर किसी तरह के दबाव से उन्होंने इनकार किया विधायक प्रदीप पटेल ने कहा कि घटना की जांच की जाएगी। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। मऊगंज में नशे का कारोबार फल–फूल रहा है। इसके कारण पहले भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

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