Breaking News

डॉग बाइट के 37 लाख मामले, रेबीज से 54 मौतें – सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा: आंकड़े डरावने और चिंताजनक

 

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के हमलों के कारण रेबीज से होने वाली मौतों की घटनाओं पर सोमवार को खुद नोटिस लिया। कोर्ट ने इसे बेहद चिंताजनक और डराने वाला बताया। पशुपालन राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने 22 जुलाई को लोकसभा में बताया था कि 2024 में 37 लाख से ज्यादा डॉग बाइट्स के मामले आए। इसके अलावा 54 लोगों की मौत रेबीज से हुईं। रिपोर्ट दिल्ली में छह साल की बच्ची छवि शर्मा की मौत से जुड़ी हुई है। उसे 30 जून को एक कुत्ते ने काट लिया था। इलाज के बावजूद 26 जुलाई को उसकी मौत हो गई। इस संबंध में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि रिपोर्ट के तथ्य बेहद परेशान करने वाले हैं।

रिपोर्ट CJI के सामने रखने का आदेश: कोर्ट ने कहा कि हर दिन दिल्ली और आसपास इलाकों में कुत्तों के काटने के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। कई मामलों में रेबीज फैल रहा है। बेंच ने रिपोर्ट को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि यह रिपोर्ट CJI के सामने उचित आदेशों के लिए रखी जाए।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई को नोएडा में आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए तय जगह की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी। इसमें सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने कहा था कि लोग कुत्तों को खाना देना चाहते हैं तो घरों में दें। बेंच ने कहा था कि दोपहिया वाहन चालकों और सुबह टहलने वालों को कुत्तों के हमले का खतरा बना रहता है।

रिपोर्ट के 5 अहम तथ्य…

  1. साल 2024 में 5 लाख 19 हजार 704 से ज्यादा पीड़ित 15 साल से कम उम्र के बच्चे थे।
  2. डॉग बाइट के हर सात पीड़ितों में एक बच्चा शामिल था।
  3. साल 2023 में डॉग बाइट के 30.5 लाख और 2022 में 21.9 लाख मामले सामने आए।
  4. डॉग बाइट के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए।
  5. दिल्ली में डॉग बाइट के मामलों में साल दर साल 143 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

About NW-Editor

Check Also

औसानेश्वर मंदिर में मचा हड़कंप: करंट से फैली भगदड़, 2 श्रद्धालुओं की मौत, 29 घायल

  बाराबंकी के अवसानेश्वर महादेव मंदिर में मची भगदड़ में 2 शिव भक्तों की मौत …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *