Breaking News

अपने बच्चों को धर्म ग्रंथो से दूर रखना ही आपके लिए वृद्ध आश्रम के दरवाजे खोल रहा है : सुमित

 

 बांदा- जिस देश में कभी भगवान राम पिता के वचनों को पूरा करने के लिए 14 वर्ष का वनवास बिताने चले गए श्रवण कुमार अपने वृद्ध व अंधे माता-पिता की इच्छा पूरी करने हेतु उनको तराजू में बैठाकर तराजू को कंधे में उठाकर तीर्थ यात्रा करवाई आज उसी देश में वृद्ध आश्रम की संख्या बढ़ रही है पता नहीं क्यों जिन बच्चों को उनके माता-पिता ने पाल पोसकर बड़ा किया लायक बनाया वही उनको खुशी-खुशी वृद्ध आश्रम छोड़ आते हैं और ऐसे लोग ज्यादातर पढ़े लिखे होंगे अतः हमें समझना होगा की धार्मिक ग्रंथो की सार्थक शिक्षा के बिना मानव के अंदर संस्कार का आना असंभव सा है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने धार्मिक ग्रंथो की जानकारी व शिक्षा अपने बच्चों को जरूर देनी चाहिएसमाजसेवी सुमित शुक्ला का कहना है की धार्मिक ग्रंथो से अपने बच्चों को जोड़ना होगा उन्हें शुरुआत से ही बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाना होगा क्योंकि सच्चाई यही है कि ज्यादातर बड़े बुजुर्ग अपने बच्चों से तंग रहते हैं और पारिवारिक मोह के कारण शासन की भी सहायता नहीं ले पाते अगर समाज के जागरूक लोग प्रशासन समाजसेवी और मीडिया सभी मिलकर लोगों के बीच बड़ों का आदर और संस्कारों को बचाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करें तो यह कदम हमारे विश्व गुरु बनने की दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा जरूर करेगा ।

About NW-Editor

Check Also

कुल्हाड़ी से हमला करने वाला हत्यारोपी को बिसंडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिसंण्डा ,बांदा। पुलिस अधीक्षक बांदा श्री अंकुर अग्रवाल के निर्देशन में विभिन्न अभियोगों में वांछित …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *