कोट्टायम के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल और असिस्टेंट प्रोफेसर को कॉलेज के हॉस्टल में हुई क्रूर रैगिंग की घटना की जांच के बाद निलंबित कर दिया गया. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के निर्देश पर जांच के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक ने निलंबन का आदेश दिया. इस मामले में पाया गया कि घटना को रोकने और उससे निपटने में लापरवाही बरती गई. प्रिंसिपल और सहायक प्रोफेसर को आगे की जांच तक निलंबित कर दिया गया. इसके अलावा, हाउसकीपर-सह-सुरक्षाकर्मी को उनकी ड्यूटी से तत्काल हटाने का आदेश जारी किया गया. यह घटना तब प्रकाश में आई जब प्रथम वर्ष के छात्रों ने शिकायत दर्ज कराई. शिकायत की जांच में रैगिंग को लेकर चौंकाने वाला तथ्य सामने आया.
इस घटना के सिलसिले में पांच सीनियर स्टूडेंट को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में परेशान करने वाले फुटेज सामने आए. इसमें आरोपी छात्रों द्वारा कंपास से पीड़ित की त्वचा पर निशान बनाते, चीखते हुए उनके मुंह पर क्रीम लगाते और प्राइवेट पार्ट पर डंबल लटकाते हुए दिखाया गया. शिकायत ये भी की गई कि आरोपी छात्रों ने शराब पीने के लिए पैसे वसूले. पैसे नहीं देने पर उत्पीड़न किया गया. कुछ पीड़ित जब सहन नहीं कर पाए तो इसकी शिकायत की.
कॉलेज के अधिकारियों ने दावा किया कि शिकायत मिलने तक उन्हें रैगिंग की गतिविधियों के बारे में पता नहीं था. इस मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब राजनीतिक दलों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. साथ ही एक विशेष संगठन से जुड़े होने का भी आरोप लगाया.