फतेहपुर। डॉ0 बी0आर0 अम्बेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में रेंजर्स समिति और मिशन शक्ति फेस 5 के तत्वाधान में चल रहे रेंजर्स शिविर के समापन पर जिला संगठन आयुक्त स्काउट गाइड अतुल सिंह यादव, प्रशिक्षक,जिला प्रशिक्षण आयुक्त एवं जिला मार्गदर्शक कैप्टन अर्चना सिंह तथा ब्लॉक गाइड कैप्टन शैलेन्द्री प्रशिक्षक के रूप में मौजूद रहे। जिसमें सावित्री बाई फुले टीम ने बेखौफ आजाद संगीत, रानी लक्ष्मी बाई टीम ने श्ए मेरे वतन के लोगोंश् संगीत, महादेवी वर्मा टीम ने नुक्कड़ नाटक, सरोजिनी नायडू टीम ने हिंद देश के निवासी पर संगीत, कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 गुलशन सक्सेना, रेंजर्स प्रभारी अनुष्का छौंकर तथा समिति के सदस्य डॉ0 जिया तसनीम और मिशन शक्ति प्रभारी प्रोफेसर शकुंतला सहित प्रो0 सरिता गुप्ता, पूर्व रेंजर्स समिति प्रभारी प्रो0 मीरा पाल, प्रो0 लक्ष्मीना भारती, प्रो0 प्रस्तुत किया।साथ ही कैंप के समापन पर छात्राओं ने अपने-अपने कैंप पर बाटी चोखा व्यंजन बिना बर्तन के प्राकृतिक विधि से तैयार किया।साथ ही विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन भी किया गया। इसके साथ ही सरकार के महत्वाकांक्षी योजना मिशन शक्ति फेस 5 के तहत छात्राओं द्वारा पौराणिक मान्यताओं पर आधारित मां दुर्गा और मां काली का रूप धारण कर नृत्य किया गया, दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों पर छात्राओं द्वारा अभिनय करके संदेश दिया गया एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए। पांचो टीमों ने तंबू लगाया एवं कम साधनों में प्राकृतिक तरीके से जीवन जीने तरीके पर प्रदर्शन किया डॉ० जिया तसनीम, डॉ0 राज कुमार और आनंदनाथ ने टीमों का निरीक्षण कर उनका मूल्यांकन किया। कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 गुलशन सक्सेना ने रेंजर्स को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाए दी तथा जीवन में इसकी उपयोगिता पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके पूर्व विवेकानंद सांस्कृतिक क्लब के तत्वाधान में डॉ0 भीमराव अंबेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ0 गुलशन सक्सेना के निर्देशन में ऑनलाइन कार्यक्रमों की श्रृंखला में भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा का महत्वष्विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। आज के व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ .राहुल स्वर्णकार, अध्यक्ष तबला विभाग डॉ0 हरिसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश रहे। उन्होंने कहा कि माता-पिता हमारे प्रथम गुरु होते हैं जो हमें लोक व्यवहार की शिक्षा देते हैं। जीवन में तार्किक, बौद्धिक, आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए गुरु की आवश्यकता होती है। बिना गुरु के जो ज्ञान अर्जित किया जाता है वह क्षणिक होता है। गुरु का महत्व सनातन परंपरा से ही रहा है और आगे भी रहेगा। गुरु हमें विवेक युक्त आत्म चिंतन की क्षमता प्रदान करते हैं। जीवन के नैतिक उद्देश्य को प्राप्त करने में गुरु ही हमारे सहायक होते हैं। गुरु का यह उत्तरदायित्व है कि उसके अंदर जो भी ज्ञान है वह अपने योग्य शिष्य तक तक उस ज्ञान को पहुंचाएं। प्राचार्य डॉ गुलशन सक्सेना ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु अपने शिष्य और पुत्र को समान रूप से शिक्षा देता है, वह दोनों में कोई भेदभाव नहीं करता। उन्होंने तालीमे आम, तालीमे खास और तालीमे खासम खास नाम से संगीत की विभिन्न पद्धतियों का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु का यह उत्तरदायित्व है कि वह अपने शिष्य का चहुमुखी विकास करें। हमारे अंदर ज्ञान की जो गहराई और विस्तार है वह हमें अपने शिष्य तक आज के वातावरण में पहुंचानी होगी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो0 सरिता गुप्ता ने कहा कि गुरु के पास न केवल ज्ञान होता है बल्कि अनुभव और आत्म साक्षात्कार के माध्यम से प्राप्त ज्ञान भी होता है ।शिष्य गुरु के पास अत्यंत सम्मान ,भक्ति और ज्ञान की पिपासा के साथ आता है और गुरु उसे पिपासा को शांत करते हैं। आज हम जो कुछ भी हैं वह अपने गुरु की कृपा से ही हैं वहीं शिक्षा हमें अपने शिष्यों को भी देनी होगी। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 चारू मिश्रा ने किया। रेंजर्स प्रभारी अनुष्का छौंकर तथा समिति के सदस्य डॉ0 जिया तसनीम और मिशन शक्ति प्रभारी प्रोफेसर शकुंतला सहित प्रो0 सरिता गुप्ता, पूर्व रेंजर्स समिति प्रभारी प्रो0 मीरा पाल, प्रो0 लक्ष्मीना भारती, प्रो0 प्रशांत द्विवेदी, शरद चंद्र राय, डॉ0 चारु मिश्रा, डॉ0 चंद्रभूषण, डॉ0 राजकुमार, आनंदनाथ तथा महाविद्यालय के अन्य कर्मचारी गण आदि उपस्थित रहे।