घर से कोचिंग पढ़ने गए तीन किशोरों की गंगा में डूबने की आशंका सच साबित हुई। शुक्रवार की सुबह तीनों का नदी में उतराया हुआ शव मिला तो कोहराम मच गया। इस दर्दनाक घटना से तीनों परिवार के सदस्यों का रोते-रोते बुरा हाल रहा। सूचना पर तहसीलदार मनोज राय, नायब तहसीलदार, थानाध्यक्ष हरिशंकर सिंह दलबल के साथ मौके पहुंच गए।
जानकारी के अनुसार, जगदीशपुर गांव के सामने घाट पर गुरुवार की शाम तीन साइकिल और कपड़ा देखकर ग्रामीणों ने नदी में किसी के डूबने की आशंका जताई थी। इसकी खबर लगते ही भारी संख्या में भीड़ जुट गई। साइकिल, किताब और कपड़ों से तीनों किशोरों की शिनाख्त संदीप कुमार (15) पुत्र योगेंद्र, विनय गोंड (17) पुत्र राजन, निवासी सावन छपरा और वसीम (18) पुत्र रसीद मियां, निवासी वचन छपरा के रूप में हुई। तीनों के परिजन बिलखते हुए घाट पर पहुंच गए।
पुलिस ने स्थानीय नाविकों की सहायता से नदी में शवों की खोजबीन शुरू की, लेकिन सफलता नहीं मिली। दूसरे दिन यानी शुक्रवार की सुबह जब ग्रामीणों ने शव को नदी में उतराया देखा तो उन्होंने पुलिस और परिजनों को खबर की। पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से तीनों शव को बाहर निकाला। इसकी खबर लगते ही घाट पर भीड़ इकट्ठा हो गई। नदी में डूबे तीनों किशोरों के परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल है। परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। लेकिन मौके पर मौजूद तहसीलदार मनोज राय और नायब तहसीलदार रजनीश सिंह ने परिजनों को समझाकर शवों के पोस्टमार्टम को राजी किया।