फर्रुखाबाद: ग्राम पंचायत राठौरा, जो कमालगंज ब्लॉक के अंतर्गत आता है, वहां मनरेगा योजना के तहत एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत 42 फर्जी लेबर एक ही फोटो का बार-बार उपयोग कर जिओ टैगिंग में शामिल पाई गईं।
मौके पर सुबह 8:30 बजे निरीक्षण करने गई टीम को मज़दूरी कर रहे कोई भी मज़दूर स्थल पर उपस्थित नहीं मिला। यह दर्शाता है कि सिर्फ कागज़ों पर काम दिखाकर फर्जी भुगतान की योजना चलाई जा रही थी।
ग्राम पंचायत राठौरा की सचिव लक्ष्मी लता ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि “बिना उनके हस्ताक्षर के ही मास्टर रोल जारी हो जाते हैं।” यह बयान न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि गंभीर गड़बड़ियों की ओर भी इशारा करता है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रभारी डीसी मनरेगा जिलाकपिल कुमार ने कहा है कि “पूरा मामला जांच के दायरे में लिया गया है, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस तरह की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को जल्द चिन्हित कर सजा दी जाएगी।
ग्राम पंचायत राठौरा में उजागर हुआ यह मनरेगा फर्जीवाड़ा न केवल सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि निगरानी की व्यवस्था कितनी कमजोर है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला और भी पंचायतों तक फैल सकता है। ज़रूरत है पारदर्शिता और जवाबदेही की सख्त व्यवस्था की।